केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि इस मानवीय मिशन में राजनीति की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के सभी नेताओं ने सशस्त्र बलों के योगदान की प्रशंसा की है। यह मिशन भारत की क्षमता, समर्पण और एकता का प्रतीक है, जो संकट की घड़ी में देश की एकजुटता को दर्शाता है।
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भारत सरकार द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर एक बार फिर साबित करता है कि भारतीय सेना और राहत एजेंसियां संकट के समय दुनिया की सबसे भरोसेमंद ताकतों में से एक हैं। इस ऑपरेशन के दौरान विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर लाने का जो अभियान चलाया गया, उसे लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि इसमें राजनीति की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए और न ही कोई नेता ऐसा करना चाहता है।
किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सभी राजनीतिक दलों ने भारतीय सेना और सरकार के इस प्रयास की सराहना की है। यह एक ऐसा क्षण है जब पूरा देश एकजुट होकर राष्ट्रीय हित के लिए काम करता है, न कि राजनीतिक लाभ के लिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत का यह रेस्क्यू ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की सकारात्मक छवि को और मजबूत करता है।
ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ एक बचाव मिशन कहना गलत होगा। यह भारत की ‘नर्म शक्ति’ (soft power) का प्रत्यक्ष उदाहरण है। विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई से यह ऑपरेशन सफल हो पाया। किरेन रिजिजू ने कहा कि इस तरह के मिशनों से भारत का मानवता के प्रति समर्पण और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प दुनिया के सामने आता है।
उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन न केवल भारतीय नागरिकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह उन देशों के लिए भी उदाहरण बना है, जहां भारतीय फंसे हुए थे। भारतीय मिशनों ने तत्परता से कार्य किया और हमारी सेनाएं हर चुनौती के लिए तैयार दिखीं।”
इस मुद्दे पर न तो सत्ता पक्ष ने राजनीति की और न ही विपक्ष ने इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, और अन्य विपक्षी दलों ने सशस्त्र बलों और सरकार के समन्वय की सराहना की। संसद में भी सभी दलों के सदस्यों ने एकजुट होकर भारतीय प्रयासों की तारीफ की।
रिजिजू ने कहा, “यह बहुत जरूरी है कि जब देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी निभा रहा हो, तब राजनीतिक मतभेदों को पीछे छोड़ दिया जाए। ऑपरेशन सिंदूर इस दृष्टिकोण का सर्वोत्तम उदाहरण है।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार अब ऐसे संकटों से निपटने के लिए संसाधनों का डिजिटलीकरण, इमरजेंसी नेटवर्क और मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन को और बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में फैले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा अब सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।