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Operation Sindoor: हमले से ठीक पहले इंडियन आर्मी ने शेयर किया वीडियो, क्या था कोई इशारा?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से कुछ मिनट पहले ही भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। यह वीडियो न केवल सेना की रणनीति और तैनाती को दर्शाता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या यह एक प्रतीकात्मक चेतावनी थी। इस पूरे घटनाक्रम ने देशभर में अटकलों और सुरक्षा को लेकर बहस को फिर से तेज कर दिया है।

By bishanpreet345@gmail.com 

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क्या था ऑपरेशन सिंदूर का संकेत? भारतीय सेना ने हमले से ठीक पहले पोस्ट किया वीडियो

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले से ठीक पहले भारतीय सेना द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया ऑपरेशन सिंदूर’ का वीडियो अब एक नई चर्चा का विषय बन गया है। हमले से कुछ ही मिनट पहले शेयर हुए इस वीडियो में सेना की तैयारी, काफिला मूवमेंट और हाई अलर्ट मोड को दिखाया गया था। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह वीडियो महज़ संयोग था, या किसी तरह का साइकोलॉजिकल ऑपरेशन (PsyOp) या संकेत?

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वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सेना के जवान पूरी तरह से अलर्ट हैं और इलाके में सघन गश्त कर रहे हैं। यह वीडियो ऐसे वक्त पर सामने आया जब घाटी में आतंकियों की हलचल पहले से ही इनपुट के रूप में मौजूद थी। यह पोस्ट केवल सेना की तत्परता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि सुरक्षा बल किसी बड़ी कार्रवाई या चुनौती के लिए तैयार थे।

ऑपरेशन सिंदूर: क्या था मकसद?

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का एक कोडनेम मिशन था, जिसका मकसद आतंकियों के ठिकानों की पहचान और उन्हें निष्क्रिय करना था। यह ऑपरेशन उन मिशनों में से एक है जो संवेदनशील इलाकों में किए जाते हैं, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और आतंकी गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सके।

वीडियो के कैप्शन में सेना ने लिखा, “The mission continues… the resolve stands firm.यह एक शक्तिशाली संदेश था जो देश की जनता को आश्वस्त करता है कि भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से मुस्तैद है।

साइकोलॉजिकल ऑपरेशन या चेतावनी?

कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वीडियो पोस्ट करना साइकोलॉजिकल वॉरफेयर का हिस्सा हो सकता है। इससे एक ओर जनता को आत्मविश्वास मिलता है, वहीं दूसरी ओर आतंकियों के मन में डर और भ्रम की स्थिति पैदा की जाती है। हालांकि इस तरह की गतिविधियों में समय की संवेदनशीलता बेहद अहम होती है, और वीडियो के समय और हमले के बीच की निकटता इसे और रहस्यमयी बना देती है।

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क्या यह वीडियो एक गोपनीय इशारा था कि सेना को हमले की भनक थी? या फिर यह मात्र एक रूटीन सोशल मीडिया अपडेट? इन सवालों का जवाब तो आधिकारिक जांच और रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगा, लेकिन इस घटनाक्रम ने सुरक्षा परिदृश्य को और गंभीर बना दिया है।

सरकार और सेना की प्रतिक्रिया

हमले के तुरंत बाद केंद्र सरकार और सेना ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि “जो भी इस हमले के पीछे है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।” वहीं सेना की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और जल्द ही ठोस कार्रवाई देखने को मिलेगी।

सोशल मीडिया और जन प्रतिक्रिया

वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूज़र्स की प्रतिक्रियाएं भी तेजी से सामने आईं। कई लोगों ने इसे सेना की रणनीतिक बुद्धिमत्ता बताया, तो कुछ ने सवाल उठाए कि जब इनपुट थे तो हमला क्यों नहीं रोका जा सका?

इस पूरी घटना ने दिखाया कि साइबर स्पेस और ग्राउंड ऑपरेशन अब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और आने वाले समय में इस तरह के संकेत और साइकोलॉजिकल ऑपरेशन्स का महत्व बढ़ेगा।

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