भारतीय वायुसेना द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। अब उपग्रह से ली गईं ताज़ा तस्वीरों ने इन हमलों की पुष्टि कर दी है। तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि आतंकी कैंप पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। यह ऑपरेशन भारत की आतंक के खिलाफ रणनीतिक मजबूती को दर्शाता है।
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भारत द्वारा अंजाम दिया गया ऑपरेशन सिंदूर एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह हैं सैटेलाइट से ली गईं स्पष्ट तस्वीरें, जो इस मिशन की सफलता को प्रमाणित करती हैं। इन हाई-रिजोल्यूशन इमेजेस में पाकिस्तान के बालाकोट और अन्य सीमावर्ती इलाकों में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद की स्थिति दिखाई गई है। जहां पहले संरचनाएं नजर आ रही थीं, वहीं अब केवल मलबा बचा है।
यह ऑपरेशन भारतीय वायुसेना द्वारा प्री-स्ट्राइक इंटेलिजेंस के आधार पर बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था। इसका मकसद पाकिस्तान की ज़मीन पर पनप रहे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों के अड्डों को खत्म करना था। सरकार के उच्च सूत्रों के अनुसार, इस मिशन में आधुनिकतम सटीक निर्देशित हथियारों (Precision Guided Munitions) का इस्तेमाल किया गया, जिससे collateral damage न्यूनतम रहा और केवल टारगेट को ही निशाना बनाया गया।
जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, वे अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए भी एक बड़ा सबूत बनकर उभरी हैं। इन तस्वीरों में हमले से पहले और बाद की स्थिति को साफ तौर पर देखा जा सकता है – जहां पहले ट्रेनिंग कैंप, बैरक और शस्त्रागार थे, अब वहां केवल राख और जली हुई जमीन है। इससे यह साबित होता है कि भारतीय वायुसेना का हमला पूरी तरह से सटीक और प्रभावी था।
इन तस्वीरों के सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक बार फिर यह बहस छिड़ गई है कि पाकिस्तान किस हद तक आतंकियों को शरण और समर्थन दे रहा है। भारत ने हमेशा से यह कहा है कि पाकिस्तान की धरती से संचालित होने वाले आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए उसे ठोस कदम उठाने चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि भारत अब “पहले वार न सही, लेकिन जवाब में वार ज़रूर” की नीति पर चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह स्पष्ट किया था कि भारत की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह ऑपरेशन भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता, रणनीतिक योजना और तेज निर्णय लेने की क्षमता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। साथ ही यह दुनिया को भी दिखाता है कि भारत आतंक के खिलाफ केवल शब्दों से नहीं, कर्मों से जवाब देता है।