Operation Sindoor के तहत भारत ने एक बार फिर अपने नागरिकों की सुरक्षा और वैश्विक मजबूती का परिचय दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन पर बयान देते हुए कहा कि भारत हर संकट में अपने लोगों के साथ खड़ा है। इस मिशन ने भारत की वैश्विक स्थिति और रणनीतिक तैयारियों को दर्शाया है।
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ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) भारत की एक और ऐतिहासिक और साहसिक पहल के रूप में सामने आया है, जिसमें संकटग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने की दिशा में एक त्वरित और रणनीतिक कार्रवाई की गई। इस अभियान के तहत भारत सरकार ने दिखा दिया कि वह दुनिया के किसी भी कोने में अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट शब्दों में कहा, “Operation Sindoor भारत की वैश्विक सक्रियता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। हम हर स्थिति में अपनी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं, और यह मिशन उसी का उदाहरण है।”
हाल ही में पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच सैकड़ों भारतीय फंस गए थे। भारत सरकार ने तुरंत स्थिति की गंभीरता को समझते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में नौसेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय का बेहतरीन तालमेल देखने को मिला। भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कई फ्लाइट्स और विशेष जहाजों की व्यवस्था की, और सभी को बिना किसी नुकसान के वापस लाया गया।
नई दिल्ली से लेकर दुबई और रियाद तक, भारत ने विभिन्न राजनयिक चैनलों के माध्यम से मिशन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस अभियान ने एक बार फिर से भारत की डिप्लोमैटिक पावर और रणनीतिक सोच को दुनिया के सामने स्थापित किया है।
एस. जयशंकर ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि, “हम किसी भी भारतीय को संकट में अकेला नहीं छोड़ सकते। चाहे वह यूक्रेन हो, सूडान हो या फिर मिडिल ईस्ट — भारत हर बार तेजी से प्रतिक्रिया देता आया है और आगे भी देगा।”
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक रेस्क्यू मिशन था, बल्कि यह भारत की वैश्विक रणनीति, रक्षा तैयारी, और राजनयिक प्रभाव का भी प्रदर्शन था। यह ऑपरेशन विदेशों में रह रहे भारतीयों के बीच विश्वास को और मजबूत करता है कि भारत सरकार हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ी है।
इस अभियान के दौरान भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब और कतर जैसी प्रमुख सरकारों के साथ मिलकर काम किया। इससे भारत के इन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध भी और गहरे हुए हैं।
भारत की वायुसेना ने विशेष विमान भेजकर नागरिकों को निकाला और नौसेना ने तटवर्ती इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। यह सबकुछ उस समय हुआ जब क्षेत्र में हालात बेहद संवेदनशील और अस्थिर थे। इसके बावजूद, भारतीय मिशन ने सफलता के झंडे गाड़ दिए।
सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड करने लगा है और देशभर में इस साहसी कदम की सराहना हो रही है। लोग कह रहे हैं कि यह सरकार की प्रतिबद्धता और क्षमता का जीता-जागता उदाहरण है।
भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह न केवल एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है, बल्कि अपने नागरिकों के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार राष्ट्र भी है।
भारत की यह नीति कि “हर भारतीय की सुरक्षा सर्वोपरि है”, ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पुनः सिद्ध हुई। यह मिशन आने वाले समय में भी भारत की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीतियों की दिशा तय करने में मदद करेगा।