विदेश मंत्रालय (MEA) ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक "कठिन लेकिन सफल मिशन" बताया। मंत्रालय ने बताया कि इस अभियान के तहत संकटग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। ऑपरेशन को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए MEA ने अभियान की रणनीति, चुनौतियों और मानवीय प्रयासों पर प्रकाश डाला।
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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देशभर में चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस अभियान के माध्यम से विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया, खासतौर पर उन क्षेत्रों से जहाँ हालात बेहद तनावपूर्ण थे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी और सभी उठ रहे सवालों का स्पष्ट जवाब दिया। MEA ने इसे भारत के मानवीय मूल्यों और संकट के समय तेज़ कार्रवाई की मिसाल बताया।
MEA के प्रवक्ता ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अंजाम दिया गया। अभियान को अंजाम देने के लिए स्थानीय प्रशासन, भारतीय दूतावासों और रक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि “हर भारतीय नागरिक की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम किसी भी हालत में उन्हें असुरक्षित नहीं छोड़ सकते।”
ऑपरेशन सिंदूर में सबसे बड़ी चुनौती थी समय की कमी और क्षेत्रीय अस्थिरता। विदेश मंत्रालय ने यह साफ किया कि जमीनी सूचना तंत्र और स्थानीय नेटवर्क की मदद से नागरिकों की पहचान की गई और उन्हें क्रमशः सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। कुछ मामलों में सीमापार समन्वय और विशेष उड़ानों का भी सहारा लिया गया। मंत्रालय ने यह भी बताया कि अभियान के दौरान महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी गई।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता केवल सुरक्षा बलों की कुशलता पर ही नहीं, बल्कि राजनयिक प्रयासों पर भी निर्भर थी। भारत ने संबंधित देशों के साथ तत्काल संपर्क स्थापित कर विशेष अनुमति ली ताकि अभियान बाधित न हो। इस दौरान भारतीय दूतावासों की सक्रियता ने भी अहम भूमिका निभाई। विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह के अभियानों में दूतावासों की तत्परता और सूझबूझ महत्वपूर्ण होती है।
कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे मानवीय मिशनों को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल और केवल भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी है, और यह मिशन उसी भावना का प्रतिनिधित्व करता है।” मंत्रालय ने यह भी कहा कि अभियान की पूरी रिपोर्ट जल्द संसद में भी प्रस्तुत की जाएगी।
जिन परिवारों के सदस्य ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से वापस लौटे, उन्होंने सरकार और विदेश मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर भी इस मिशन की व्यापक सराहना की जा रही है, जिससे देश में सकारात्मक माहौल बना है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब वैश्विक संकट प्रबंधन में अपनी दक्षता सिद्ध कर रहा है।