पहलागाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू करते हुए आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान किया है। विदेश सचिव ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में और हमले हो सकते हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। इस ऑपरेशन का मकसद आतंक के नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) की शुरुआत कर दी है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय आतंकी ठिकानों का सफाया करना और देश के अंदर पनप रही आतंकी गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना है।
विदेश सचिव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “और हमलों की आशंका बनी हुई है” और भारत इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि आतंकियों की साजिशें बड़े पैमाने पर तैयार की जा रही थीं और इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा सीमापार आतंकी लॉन्चपैड्स तक फैला हुआ है। सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन उन सभी इलाकों को कवर करेगा जहाँ से आतंकियों को समर्थन, हथियार और फंडिंग मिलती है। भारत की स्पेशल फोर्सेस, एनएसजी, और इंटेलिजेंस विंग्स इस अभियान में संयुक्त रूप से शामिल हैं।
इस अभियान का लक्ष्य सिर्फ बदला लेना नहीं है, बल्कि लंबी अवधि की रणनीति बनाकर आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना है। विदेश सचिव ने यह भी कहा कि “हम अब प्रतिक्रिया में कार्रवाई नहीं, बल्कि प्रोएक्टिव स्ट्राइक की नीति पर काम कर रहे हैं।”
भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों, और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अलर्ट लेवल हाई कर दिया गया है। सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।
सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह आम नागरिकों को सतर्क करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को दी जाए। ऑपरेशन के चलते कई हाई रिस्क जोन को रेड जोन घोषित किया गया है।
भारत इस ऑपरेशन के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति स्पष्ट और अडिग है। विदेश मंत्रालय लगातार संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और यूरोपीय देशों से संपर्क में है ताकि इस लड़ाई को वैश्विक समर्थन मिल सके।
विदेश सचिव ने कहा कि डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि वह अपनी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी नेटवर्क को तुरंत बंद करे, वरना भारत को मजबूरन सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी।
इस गंभीर स्थिति में राजनीतिक दलों से भी अपील की गई है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सरकार का समर्थन करें। आतंकवाद एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है और इसका जवाब राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर ही दिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर खुद जमीनी स्थिति का जायज़ा लेंगे।