भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर भारी कार्रवाई की गई, जिसे वैश्विक स्तर पर बड़ी प्रतिक्रिया मिली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने इसे आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम बताया, वहीं UAE ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।
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भारत ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। हाल ही में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए कई शिविरों को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई पुलवामा-शैली के संभावित हमले की खुफिया जानकारी के बाद की गई।
भारत की इस सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी मिलते ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा कि “भारत आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़ा है। यह कार्रवाई आतंकवाद के विरुद्ध दुनिया की साझा लड़ाई का हिस्सा है।” वहीं UAE ने भी भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हुए इसे आतंकवाद पर कठोर प्रतिक्रिया बताया।
भारत की इस सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। वहां की सरकार ने इसे ‘आक्रामकता’ बताया लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे कोई विशेष समर्थन नहीं मिल सका। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनियन, और G20 देशों ने भारत से संयम बरतने की अपील तो की, लेकिन साथ ही आतंकवाद के खिलाफ उसकी कार्रवाई को “आत्मरक्षा” के रूप में स्वीकार भी किया।
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की खुफिया एजेंसियों की एक बड़ी सफलता भी है। कार्रवाई से पहले कई दिनों तक ड्रोन सर्विलांस, सैटेलाइट इंटेलिजेंस, और जमीन पर जासूसी नेटवर्क के ज़रिए टारगेट्स की पहचान की गई। भारतीय वायुसेना और सेना के विशेष बलों ने संयुक्त रूप से यह मिशन अंजाम दिया। कई आतंकी नेताओं के मारे जाने की भी खबर है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा तक सीमित नहीं रहेगा, अब ‘नई नीति, नया भारत’ है। वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विभिन्न देशों से संपर्क कर भारत की स्थिति स्पष्ट की। इससे पहले भी भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के जरिए दुनिया को यह संदेश दिया था कि सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारत की इस कार्रवाई को लेकर अमेरिका, फ्रांस, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन जताया है। खासकर ट्रंप की प्रतिक्रिया और UAE की कूटनीतिक स्थिति यह बताती है कि अब दुनिया भारत को आतंक के खिलाफ एक निर्णायक शक्ति के रूप में देख रही है।