भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” की शुरुआत की है। यह ऑपरेशन आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाने और घाटी में शांति बहाल करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। सेना, खुफिया एजेंसियां और स्थानीय सुरक्षा बल मिलकर इस अभियान को अंजाम दे रहे हैं।
Updated Date
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस अमानवीय कृत्य का बदला लेने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” की शुरुआत की है। यह ऑपरेशन एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से निर्णायक कार्रवाई के रास्ते पर है।
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक और भावनात्मक संकल्प है कि निर्दोष नागरिकों के खून की एक भी बूंद बेकार नहीं जाएगी। इस अभियान में सेना, CRPF, BSF और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें शामिल हैं, जो आतंकियों के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं और इलाके को पूरी तरह से घेर चुकी हैं।
भारतीय सेना ने आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए इलाके में गहन तलाशी अभियान शुरू किया है। ऑपरेशन के तहत LoC के पास घुसपैठ रोधी निगरानी, ड्रोन व सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए आतंकियों के मूवमेंट पर पैनी नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर सेना “क्लीन एंड होल्ड” पद्धति अपना रही है जिससे स्थायी शांति स्थापित की जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों को इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का शक है। खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स की पहचान कर ली गई है, और उनके खिलाफ भी राजनयिक व अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन के लिए सेना को पूरी छूट दी है। साथ ही, पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आखिरी आतंकी को ढूंढकर खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक यह ऑपरेशन रुकेगा नहीं।
जनता ने भी इस अभियान का समर्थन किया है। घाटी में रहने वाले स्थानीय नागरिक अब आतंकवाद से मुक्त जीवन की उम्मीद कर रहे हैं। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी इस ऑपरेशन को नैतिक समर्थन दिया है और सरकार से आतंक के खिलाफ कठोर नीति की मांग की है।
पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा की जा रही है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। इन देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को उचित और आवश्यक बताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि “ऑपरेशन सिंदूर” भारत के सख्त आतंक विरोधी रुख को दर्शाता है और आने वाले समय में इससे न केवल आतंक पर लगाम लगेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की छवि भी मजबूत होगी।