भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए सटीक और योजनाबद्ध Operation Sindoor ने आतंक के नेटवर्क पर जोरदार प्रहार किया है। इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है और कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तान की ओर से भले ही विरोध हो रहा हो, लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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भारतीय सेना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा के साथ कोई भी समझौता नहीं होगा। Operation Sindoor के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक निशाना साधते हुए कई महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह कर दिया। इस सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य सीमापार से हो रहे आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाना और भारत विरोधी साजिशों को नेस्तनाबूद करना था।
ऑपरेशन के दौरान भारत ने अत्याधुनिक तकनीक और ड्रोन निगरानी प्रणाली का उपयोग किया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान न पहुंचे और केवल आतंक के केंद्रों को ही निशाना बनाया जाए। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कार्रवाई में लगभग 50 से अधिक आतंकी मारे गए, जबकि कई शिविर पूरी तरह से नष्ट हो गए।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना में खलबली मच गई है। पाकिस्तानी मीडिया और राजनेताओं ने भारत की कार्रवाई को “आक्रामकता” करार दिया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को कोई विशेष समर्थन नहीं मिल पाया। PoK में रहने वाले नागरिकों ने इस हमले के बाद अपने इलाके में बढ़ती सैन्य गतिविधियों और डर के माहौल के बारे में बताया है।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई है और इसका उद्देश्य केवल आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना है, न कि किसी देश की संप्रभुता को चुनौती देना।
अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान जैसे देशों ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख को समर्थन दिया है और पाकिस्तान से अपने क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र ने भी संयम बरतने की बात जरूर कही, लेकिन भारत के कदम को “प्रतिसादात्मक सुरक्षा कार्रवाई” बताया।
भारत ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि स्ट्राइक की नीति अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक रणनीतिक उपाय है जब भी देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा खतरे में हो।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पूरे देश में राष्ट्रवादी भावना देखी गई। सोशल मीडिया पर नागरिकों ने भारतीय सेना की तारीफ की और ‘जय हिन्द’ के नारे लगाए। यहां तक कि विपक्षी दलों ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया, और आतंक के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात कही।
सेना सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर केवल एक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक लंबी रणनीति का हिस्सा है। भविष्य में PoK और पाकिस्तान में किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों को लेकर भारत पहले से अधिक सतर्क और सक्रिय रहेगा। भारत की खुफिया एजेंसियां अब आतंकी नेटवर्क, फंडिंग स्रोतों और लॉजिस्टिक सपोर्ट को ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही हैं।