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वन नेशन-वन इलेक्शन, विपक्षी पार्टियों के अलग रिएक्शन !

एक राष्ट्र एक चुनाव इसको मंजूरी मिली तो सियासी पारा हाई हो गया। वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर अब सियासी रिएक्शन सामने आने लगे जिसने इस सर्दी के मौसम में  सियासी तपिश को बढ़ा दिया है। जहा सरकार वन्यशन वन इलेक्शन के फायदे गिलाने में मसरूफ है तो वही विपक्षी पटिया एक भी मौका नहीं गवा रही एक राष्ट्र एक चुनाव की कमियों को दिखाने में। उत्तर प्रदेश की राजनीति भी एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर तेज है।

By HO BUREAU 

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नई दिल्ली। एक राष्ट्र एक चुनाव इसको मंजूरी मिली तो सियासी पारा हाई हो गया। वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर अब सियासी रिएक्शन सामने आने लगे जिसने इस सर्दी के मौसम में  सियासी तपिश को बढ़ा दिया है। जहा सरकार वन्यशन वन इलेक्शन के फायदे गिलाने में मसरूफ है तो वही विपक्षी पटिया एक भी मौका नहीं गवा रही एक राष्ट्र एक चुनाव की कमियों को दिखाने में। उत्तर प्रदेश की राजनीति भी एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर तेज है।

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वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विपक्षी पार्टियों को टेंशन में है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी को एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर घेरा है. सपा चीफ ने शुक्रवार को कहा कि यह बीजेपी के चुनाव जीतने का जुगाड़ है. X पर पोसंट कर अखिलेश ने वन नेशन वन इलेक्शन पर अपना रिएक्शन दिया और लिखा की

‘एक देश, एक चुनाव’ लोकतंत्र के ख़िलाफ़, एकतंत्री सोच का बहुत बड़ा षड्यंत्र है। जो चाहता है कि एक साथ ही पूरे देश पर क़ब्ज़ा कर लिया जाए। इससे चुनाव एक दिखावटी प्रक्रिया बनकर रह जाएगा। जो सरकार बारिश, पानी, त्योहार, नहान के नाम पर चुनावों को टाल देती है।

वो एक साथ चुनाव कराने का दावा कैसे कर सकती है। ‘एक देश, एक चुनाव’ एक छलावा है, जिसके मूल कारण में एकाधिकार की अलोकतांत्रिक मंशा काम कर रही है। ये चुनावी व्यवस्था के सामूहिक अपहरण की साजिश है। तो लगातार एक राष्ट्र,एक चुनाव को लेकर बवाल जारी हैइसी मुद्दे पर सपा सांसद और पार्टी महासचिव रामगोपाल ने भी सराकार को आइना दिखाया तो वही मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने फायदे बताए है

कैबिनेट का ग्रीन सिंग्नल तो मिल चुका है…अब सवाल है की कब तक बिल आएगा तो आपको बता दे  एक देश, एक चुनाव के विधेयक को मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी है। ग्रीन सिंग्नलके बाद  अब सरकार इस बिल को सदन के पटल पर रख सकती है।ये विधेयक अगले सप्ताह इसी शीतकालीन सत्र में लाए जाने की संभावना है।.हालांकी बिल के पटल पर आने से पहले ही बिल को लेकर विपक्ष अलग सुर आलाप रहा है

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