धर्म की नगरी काशी में मकर संक्रांति के पौष पूर्णिमा पर सोमवार को काशी के चौरासी घाटों पर मां गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। मान्यता है कि पूर्णिमा व्रत स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है।
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वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में मकर संक्रांति के पौष पूर्णिमा पर सोमवार को काशी के चौरासी घाटों पर मां गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। मान्यता है कि पूर्णिमा व्रत स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है। इस कड़ाके की ठंड में गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य पाप मुक्त हो जाते है। इसके देखते हुए काशी के घाटों पर भीड़ उमड़ी हुई है।
मकर संक्रांति के पर्व से पहले सोमवार को पौष पूर्णिमा पर स्नान की शुरुआत हो गई हैं। प्रयागराज में आज से महाकुंभ मेले की शुरू हुआ है। पहला शाही स्नान महात्मा, ऋषियों, साधु – संतों ने संगम में डुबकी लगाकर महाकुंभ का शुभारंभ किया गया। पौष पूर्णिमा का दिन विशेष मान्यता है। इस दिन किसी पवित्र तीर्थ स्थान पर स्नान करने से मनुष्य पापमुक्त होकर स्वर्गलोक में जाते हैं। इस दिन दान का विशेष महत्व है। दान में तिल और कंबल से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
वाराणसी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन काशी के 84 घाटों पर चौकस नजर बनाई हुई है । श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो इसके लिए जल पुलिस, एनडीआरफ एवं जिला प्रशासन की टीम घाटों पर तैनात है।
बनारस का नौका संचालक समाज यात्रियों को सुरक्षा के दृष्टि देखते हुए सभी यात्रियों को लाइव जैकेट पहन कर नौकायन करने के साथ अपनी नौका पर क्षमता से कम सवारी बैठा कर नौकायन कर रहा है। जिससे महाकुंभ में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था स्नान ध्यान पूजा पाठ और बाबा विश्वनाथ के दर्शन में कोई असुविधा न हो। बनारस का पूरा जिला प्रशासन पूरी तरीके श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम किया गया है।