Nashik और Delhi में स्थानीय प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए दरगाह और मस्जिद के पास बने ढांचों को हटाया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक जगहों को अतिक्रमण मुक्त करने के उद्देश्य से यह बुलडोजर कार्रवाई की गई। इस पर राजनीति भी गर्मा गई है।
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नई दिल्ली/नासिक: महाराष्ट्र के Nashik और राष्ट्रीय राजधानी Delhi में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों और धार्मिक स्थलों के आसपास किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर एक्शन को अंजाम दिया। इस कार्रवाई के दौरान मस्जिदों और दरगाहों के आसपास के कई अस्थायी निर्माण हटाए गए।
प्रशासन ने इस कदम को “अवैध कब्जे हटाओ अभियान” का हिस्सा बताया, जबकि कुछ राजनैतिक दलों और संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया।
Nashik नगर निगम ने शहर के विविध इलाकों में की गई अतिक्रमण कार्रवाई के तहत, एक दरगाह के पास बने अवैध दुकानों और टीन शेड ढांचों को तोड़ा। प्रशासन का दावा है कि ये ढांचे सार्वजनिक जमीन पर बिना अनुमति बनाए गए थे और इससे ट्रैफिक और आम जनजीवन बाधित हो रहा था।
कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं बल्कि सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ है।
Delhi में भी एक मस्जिद के पास रिहायशी और दुकानों के रूप में बने अस्थायी ढांचों को गिराया गया। NDMC के अधिकारियों ने बताया कि ये निर्माण नियमों का उल्लंघन करते थे और लोगों की शिकायतों के बाद इस पर कार्रवाई की गई। मौके पर मौजूद प्रशासनिक टीम ने लोगों को पहले नोटिस दिया था, उसके बाद ही बुलडोजर कार्रवाई की गई।
स्थानीय निवासियों में से कुछ ने कार्रवाई का समर्थन किया जबकि अन्य ने धार्मिक स्थल के पास कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई।
इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। कुछ विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार चुनावी फायदे के लिए टारगेटेड एक्शन कर रही है। वहीं, सत्ताधारी पक्ष ने इसे कानून व्यवस्था और शहरी स्वच्छता के लिए जरूरी कदम बताया।
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा,
“धार्मिक स्थलों के पास की गई यह बुलडोजर कार्रवाई मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने की कोशिश है। सरकार को जवाब देना होगा।”
वहीं, भाजपा प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया में कहा:
“कानून सबके लिए समान है। जो अवैध है, वह अवैध ही रहेगा, चाहे वो किसी धर्म या समुदाय से जुड़ा हो।”
प्रशासन का कहना है कि सभी अवैध ढांचों को पहले नोटिस और सुनवाई का मौका दिया गया था। कुछ मामलों में लोगों ने खुद ही ढांचा हटाना शुरू कर दिया था, लेकिन कई जगहों पर प्रशासन को जबरन कार्रवाई करनी पड़ी।
अधिकारियों के अनुसार, “भविष्य में भी यह अभियान जारी रहेगा” ताकि सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण न हो और आम जनता को राहत मिल सके।
स्थानीय लोगों की राय इस मुद्दे पर बंटी हुई है। कुछ लोगों का कहना है कि ये ढांचे ट्रैफिक और सफाई में बड़ी रुकावट थे, वहीं अन्य का मानना है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रशासन को संवेदनशीलता से कार्रवाई करनी चाहिए थी।
बुलडोजर एक्शन अब भारत के शहरी प्रशासन का नया चेहरा बन चुका है। Nashik और Delhi की ये ताज़ा कार्रवाइयां दर्शाती हैं कि सरकार अब अवैध कब्जों को हटाने में पीछे नहीं हट रही। हालांकि, ऐसी कार्रवाइयों को धर्म के चश्मे से देखना आम होता जा रहा है, जिससे सामाजिक तानाबाना प्रभावित हो सकता है।