एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने छह माह के बच्चे की दुर्लभ सर्जरी कर उसे नई जिंदगी दी है। मां ने बच्चे की जान बचाने के लिए अपने हिस्से की हड्डी भी दे दी।
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नई दिल्ली। एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने छह माह के बच्चे की दुर्लभ सर्जरी कर उसे नई जिंदगी दी है। मां ने बच्चे की जान बचाने के लिए अपने हिस्से की हड्डी भी दे दी। जिससे डॉक्टरों का काम और आसान हो गया।
डॉक्टरों ने छह माह के बच्चे की उसकी मां के अस्थि निरोपण का इस्तेमाल कर सफलतापूर्वक मेटल-फ्री स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी की। जिससे बच्चे को नई जिंदगी मिल गई। वह ऐसी सर्जरी कराने वाला एशिया का सबसे कम उम्र का बच्चा बन गया है।
एम्स ने एक बयान में कहा कि शिशु को पिछले वर्ष 10 जून को 15 घंटे तक चली सर्जरी के बाद 11 महीने तक वेंटीलेटर पर रखा गया था। इसके बाद 10 मई को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि शिशु को एक अन्य अस्पताल में सामान्य प्रसव के दौरान रीढ़ की हड्डी तथा ब्रेकियल प्लेक्सस में चोट लगी थी। जन्म के समय उसका वजन 4.5 किलोग्राम था। जन्म के बाद बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया और उसे एस्पिरेशन निमोनिया से पीड़ित बताया गया था।
श्वसन प्रणाली थी खराब और अंग भी ठीक से नहीं कर रहे थे काम
डॉ. गुप्ता ने कहा कि मई 2022 में जब पांच महीने की उम्र में उसे हमारे पास लाया गया था तो उसकी श्वसन प्रणाली खराब हो गई थी और तीनों अंगों (बाएं ऊपरी और निचले अंग, दाएं निचले अंग) में गतिविधियां कम हो गई थीं।
जांच में पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट है और ग्रीवा रीढ़ अपने स्थान से हट गई है। उन्होंने कहा कि इतने छोटे बच्चे की रीढ़ की हड्डी का मेटल प्रत्यारोपण लगभग असंभव था जिसके बाद मां ने अपनी इलियाक क्रेस्ट हड्डी का एक हिस्सा अपने बच्चे को देने पर सहमति जताई।
स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी कराने वाला एशिया का सबसे कम उम्र का बच्चा
उन्होंने बताया कि इतनी कम उम्र में ज्यादातर हड्डियां नरम, आकार में इतनी छोटी होती हैं कि उन्हें मेटल स्क्रू या रॉड से ठीक नहीं किया जा सकता। बच्चे और मां की सर्जरी एक साथ की गई। डॉ. गुप्ता ने कहा कि अब तक प्रकाशित जानकारी के अनुसार यह एशिया का सबसे कम उम्र का और दुनिया का दूसरा सबसे कम उम्र का बच्चा है। जिसकी सर्वाइकल स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी हुई है। बच्चा अपने माता-पिता से अच्छी तरह संवाद कर रहा है। सर्जरी के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार है।