कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकारी ने शुक्रवार (27 दिसंबर) को मीनाक्षी कोयला खदान को हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सौंपने का आदेश जारी कर दिया है। यह 22 नवंबर को कोयला खदान विकास और उत्पादन समझौते (सीएमडीपीए) पर हस्ताक्षर के बाद हुआ है। मीनाक्षी कोयला खदान, एक पूरी तरह से खोजी गई एमएमडीआर कोयला खदान है, जो 12.00 एमटीपीए की पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) का दावा करती है और भूवैज्ञानिक भंडार 285.23 मीट्रिक टन क्षमता रखती है।
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नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकारी ने शुक्रवार (27 दिसंबर) को मीनाक्षी कोयला खदान को हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सौंपने का आदेश जारी कर दिया है। यह 22 नवंबर को कोयला खदान विकास और उत्पादन समझौते (सीएमडीपीए) पर हस्ताक्षर के बाद हुआ है। मीनाक्षी कोयला खदान, एक पूरी तरह से खोजी गई एमएमडीआर कोयला खदान है, जो 12.00 एमटीपीए की पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) का दावा करती है और भूवैज्ञानिक भंडार 285.23 मीट्रिक टन क्षमता रखती है।
मीनाक्षी कोयला खदान से अपनी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) के आधार पर 1,152.84 करोड़ का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है। 1,800 करोड़ के अनुमानित पूंजी निवेश के साथ, यह खदान देश के कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान देगी।
मीनाक्षी कोयला खदान के विकास से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 16,224 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है, जो स्थानीय समुदाय के आर्थिक विकास में योगदान देगा और क्षेत्र में आजीविका में सुधार करेगा।यह पहल देश की कोयला उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास का समर्थन करने और स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कोयला मंत्रालय जिम्मेदार और कुशल कोयला खनन कार्यों के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।