निलंबित डीपीआरओ किरन चौधरी की जमानत अर्जी मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई। न्यायालय ने विजिलेंस टीम आगरा द्वारा डीपीआरओ के विरुद्ध पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
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मथुरा। निलंबित डीपीआरओ किरन चौधरी की जमानत अर्जी मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई। न्यायालय ने विजिलेंस टीम आगरा द्वारा डीपीआरओ के विरुद्ध पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। फिलहाल डीपीआरओ मेरठ की जेल में बंद है। विजिलेंस द्वारा न्यायालय में कहा गया की यदि डीपीआरओ को जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित होने की आशंका है। 14 फरवरी को डीपीआरओ की ओर से न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी , तब भी विजिलेंस द्वारा जमानत का विरोध किया गया था , इस पर न्यायालय ने 18 फरवरी की तारीख नियत की थी।
डीपीआरओ किरन चौधरी के वकील द्वारा अदालत से उनकी डेढ़ वर्षीय बेटी को स्तनपान कराने और उनके गर्भवती होने के आधार पर जमानत देने की मांग करी थी*इस पर अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाने का आदेश दिया था, बुधवार को विजिलेंस की टीम द्वारा उनके विरुद्ध प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को आधार मानते हुए न्यायालय ने जमानत कि अर्जी खारिज कर दी। राजीव भवन में उनकी जमानत अर्जी खारिज होने की दिनभर चर्चा बनी रही।