के चक्रव्यू को भेदने के लिए । साल 2024 बीत गया और नए साल 2025 का इंतजार खत्म हुआ। बाहें फैला कर नए साल स्वागत हुआ।
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रांची। तो नया साल नई उम्मीद नई चुनौती लेकर आया है। आशा का सूरज उद्य हुआ है । मगर सवाल ये कि हेमंत की सरकार तैयार है उन चुनौती के चक्रव्यू को भेदने के लिए । साल 2024 बीत गया और नए साल 2025 का इंतजार खत्म हुआ। बाहें फैला कर नए साल स्वागत हुआ।
वैसे तो नए साल को लेकर राज्य की हेमंत सरकार की भी अपनी प्राथमिकताएं हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जन आकांक्षाओं की सरकार नए साल में अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है।
ऐसे में सवाल ये कि राज्य में जन आकांक्षाओं की बनी है सरकार के सामने चुनौती ये कि योजनाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है, मैया सम्मान योजना को कामयाब बनाना सबसे बड़ी चुनौती है। चुनाव से पहले कहा गया था कि 3200 रुपये क्विंटल धान लेंगे, लेकिन 2400 रुपये क्विंटल धान लिया जा रहा है। प्रदेश में दोबारा उनकी सरकार बनने के बाद 5 किलो की जगह 7 किलो राशन दिया जाएगा। पेंशन की राशि भी बढ़ाई जाएगी। मगर इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि किए गए सारे वादे पूरे होंगे । यानि चुनौती कई है मगर उम्मीद भी है तो ऐसे में 2025 झारखंड के लिए उम्मीदों का नया सूरज लेकर आया है ।