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भारत के विकास और विरासत से जुड़ने का बड़ा अवसर है महाकुंभ 2025

प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों के लिए महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यहां एक साथ भारत आने के कई कारण हैं, जो भारतीय प्रवासियों को इस दौरान भारत आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पहले एनआरआई दिवस, फिर महाकुंभ और उसके बाद गणतंत्र दिवस, ये एक प्रकार की त्रिवेणी है, भारत के विकास और विरासत से जुड़ने का बहुत बड़ा अवसर है। 

By HO BUREAU 

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लखनऊ। प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों के लिए महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यहां एक साथ भारत आने के कई कारण हैंजो भारतीय प्रवासियों को इस दौरान भारत आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पहले एनआरआई दिवसफिर महाकुंभ और उसके बाद गणतंत्र दिवसये एक प्रकार की त्रिवेणी हैभारत के विकास और विरासत से जुड़ने का बहुत बड़ा अवसर है।        – नरेन्द्र मोदीप्रधानमंत्री

पढ़ें :- महाकुंभ में भगदड़: प्रशासन ने उठाए सख्त कदम

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी कर रही है कि प्रयागराज में महाकुंभ 2025 एक भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध कार्यक्रम हो। दुनिया भर से 40 करोड़ से अधिक भक्तों की मेजबानी करने की उम्मीद है, यह 45-दिवसीय उत्सव, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं को प्रदर्शित करेगा। प्रयासों का विस्तृत विवरण नीचे दिया गया हैः

  1. बुनियादी ढांचे के विकास की मुख्य बातें
  • अस्थायी शहर सेटअपःमहाकुंभ नगर को हजारों टेंट और आश्रयों के साथ एक अस्थायी शहर में बदला जा रहा है, जिसमें आईआरसीटीसी के “महाकुंभ ग्राम” लक्जरी टेंट सिटी जैसे सुपर डीलक्स आवास शामिल हैं, जो आधुनिक सुविधाओं के साथ डीलक्स टेंट और विला प्रदान करता है
  • सड़कें और पुलः
  • 92 सड़कों का नवीनीकरण और17 प्रमुख सड़कों का सौंदर्यीकरण पूरा होने के करीब है।

3,308 पोंटूनों का उपयोग करके 30 पोंटून पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है; 28 पहले से ही चालू हैं।

नेविगेशन के लिए संकेतकः आगंतुकों का मार्गदर्शन करने के लिए कुल 800 बहु-भाषा संकेत (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाएं) लगाए जा रहे हैं। 400 से अधिक काम पूरे हो चुके हैं, बाकी 31 दिसंबर तक तैयार हो जाएंगे।

सार्वजनिक उपयोगिताः 2,69,000 से अधिक चेकर्ड प्लेटों को मार्गों के लिए बिछाया गया है। गतिशील शौचालय और मजबूत अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था स्वच्छता सुनिश्चित करेंगी

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  1. सुरक्षा व्यवस्था:
  • उन्नत निगरानीः

प्रमुख स्थानों पर 340 से अधिक विशेषज्ञों के साथ एआई की मदद से भीड़ की निगरानी।

  • हवाई निगरानी के लिए हजारों सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन।

बढ़ी हुई सुरक्षा के लिए प्रवेश बिंदुओं पर चेहरे की पहचान करने की तकनीक।

अग्नि सुरक्षाः 35 मीटर ऊंची, 30 मीटर चौड़ी आग से निपटने में सक्षम चार आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर्स (एडब्ल्यूटी) की तैनाती।

  • अग्नि सुरक्षा उपायों के लिए131 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है। एडब्ल्यूटी आग की घटनाओं को रोकने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए वीडियो और थर्मल इमेजिंग सिस्टम सहित उन्नत तकनीकों से लैस हैं।
  • अंडरवॉटर ड्रोन:पहली बार, 100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम अंडरवॉटर ड्रोन संगम क्षेत्र में चौबीसों घंटे निगरानी प्रदान करेंगे।
  • साइबर सुरक्षा:56 साइबर एक्सपर्ट की एक टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी करेगी। सभी पुलिस स्टेशनों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की जा रही है।
  • सुरक्षा और आपदा तत्परता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक बहु-आपदा प्रतिक्रिया वाहन तैनात किया गया। यहप्राकृतिक आपदाओं से लेकर सड़क दुर्घटनाओं तक की स्थिति से निपटने में सक्षम। इसमें 10 से 20 टन की क्षमता वाला एक लिफ्टिंग बैग शामिल है, जो मलबे के नीचे दबे व्यक्तियों को बचाने में सक्षम बनाता है। इसमें 1.5 टन तक वजन वाली भारी वस्तुओं को उठाने और स्थानांतरित करने के लिए विशेष मशीनें शामिल हैं।

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