जोधपुर लोकसभा सीट पर आम चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां उफान पर है। दूसरे चरण के चुनाव में केवल अब दो दिन का ही समय शेष बचा है । पार्टियां आखिरी बचे दिनों में अपना दमखम दिखाने में जुटी हुई है,जोधपुर कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर भी है, हालांकि बीते 16 वर्षों में यहां लोकसभा के 4 चुनाव हुए हैं और इनमें मुश्किल से कांग्रेस एक बार ही जीत पाई है। बाकी के तीनों चुनाव बीजेपी की झोली में गए हैं। इसी कड़ी में आज हम जोधपुर लोकसभा सीट पर चर्चा करेंगे।
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जोधपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सासंद गजेंद्र सिंह शेखावत को मैदान में उतारा है,शेखावत लगातार जोधपुर सीट से दो बार चुनाव जीत चुके है। अब वह यहां से तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे है। वहीं कांग्रेस ने जोधपुर सीट पर लगातार तीसरी बार प्रत्याशी को बदला है।
कांग्रेस के टिकट पर जोधपुर से राजपूत प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा मैदान में है,गजेंद्र सिंह शेखावत इस चुनाव में अपने 10 साल के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों के साथ राम मंदिर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाने के लिए लोगों से अपील करते नजर आ रहे हैं। करण सिंह उचियारड़ा को गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जातिगत समीकरणों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है, शेखावत पहली बार 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी कटोच को रिकॉर्ड तोड़ मतों के अंतर से हराकर वह पहली बार सांसद बने थे।
इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में शेखावत ने कांग्रेस के वैभव गहलोत को हराया, यही वजह है कि पार्टी ने तीसरी बार फिर से शेखावत पर विश्वास जताया है । कांग्रेस को उम्मीद है कि करण सिंह उचियारड़ा बीजेपी के इस गढ़ को ध्वस्त करके देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी का परचम लहराएंगे । पिछले कई साल से कांग्रेस में उचियारड़ा सक्रिय भूमिका में हैं । जोधपुर लोकसभा सीट के जातिगत आंकड़ों के मुताबिक, यह राजपूत बाहुल्य सीट मानी जाती है। ऐसे में जोधपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।