कोलकाता में बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया। पार्टी ने राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की खराब स्थिति और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह झड़प भी देखने को मिली। बीजेपी नेताओं ने कहा कि वे पश्चिम बंगाल में जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
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कोलकाता की सड़कों पर सोमवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार, गिरती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और सरकारी योजनाओं में धांधली रहा। बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर नारेबाजी की और ममता सरकार को घेरने की कोशिश की।
प्रदर्शन में बीजेपी के कई शीर्ष नेता शामिल हुए, जिनमें सांसद, विधायक और पार्टी के संगठन से जुड़े प्रमुख चेहरे मौजूद थे। कोलकाता के अलग-अलग हिस्सों से कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने ‘ममता हटाओ, बंगाल बचाओ’ जैसे नारे लगाए और सरकार पर जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। इस दौरान कुछ इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। हालांकि, बीजेपी नेताओं ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज करा रहे थे और पुलिस ने अनावश्यक बल का प्रयोग किया।
BJP नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “ममता बनर्जी की सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। आम जनता की आवाज को दबाने के लिए पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। बंगाल की जनता बदलाव चाहती है और बीजेपी उनके साथ खड़ी है।”
एक अन्य वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सरकार ने राज्य को अराजकता की ओर धकेल दिया है। “कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं और किसान अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस सरकार को जाना ही होगा,” घोष ने कहा।
बीजेपी ने ममता सरकार पर केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू न करने का भी आरोप लगाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं से गरीबों को लाभ मिलना चाहिए, लेकिन ममता सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते उन्हें रोके हुए है।
प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं के फंड रोकने के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि बंगाल के विकास में बाधा डालने का असली दोषी राज्य सरकार है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के प्रदर्शन को ‘राजनीतिक नौटंकी’ करार दिया। टीएमसी नेताओं ने कहा कि बीजेपी राज्य में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही है क्योंकि उन्हें हालिया पंचायत चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
TMC के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “बीजेपी राज्य में जनता का समर्थन खो चुकी है। यह प्रदर्शन केवल मीडिया में बने रहने का प्रयास है। बंगाल की जनता जानती है कि कौन उनके विकास के लिए काम कर रहा है।”
लेकिन बीजेपी का कहना है कि वे पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में राज्यभर में और बड़े आंदोलन होंगे।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह प्रदर्शन एक और महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकता है। जिस तरह से बीजेपी ने सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की है, उससे आगामी लोकसभा चुनावों में बंगाल की लड़ाई और दिलचस्प हो सकती है।