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जानिए कौन हैं कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, जिन पर लगा है यौन शोषण का आरोप

बृजभूषण सिंह गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। साल 1988 में राजनीति में कदम रखा था। वह 6 बार के सांसद हैं। उन पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पत्नी केतकी सिंह भी एक बार सांसद रह चुकी हैं। बेटे प्रतीक भूषण सिंह भी गोंडा की सदर सीट से लगातार दो बार के विधायक हैं। उनके पास 50 से ज्यादा स्कूल-कालेज हैं। वह प्राइवेट जेट और महंगी गाड़ियों से चलते हैं। वह राम मंदिर आंदोलन की उपज हैं। वह 2011 से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।

By Rajni 

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नई दिल्ली। बृजभूषण सिंह गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। साल 1988 में राजनीति में कदम रखा था। वह 6 बार के सांसद हैं। उन पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पत्नी केतकी सिंह भी एक बार सांसद रह चुकी हैं। बेटे प्रतीक भूषण सिंह भी गोंडा की सदर सीट से लगातार दो बार के विधायक हैं। उनके पास 50 से ज्यादा स्कूल-कालेज हैं। वह प्राइवेट जेट और महंगी गाड़ियों से चलते हैं। वह राम मंदिर आंदोलन की उपज हैं। वह 2011 से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।

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उनके पास 50 से ज्यादा स्कूल-कालेज हैं। वह प्राइवेट जेट और महंगी गाड़ियों से चलते हैं। इन संस्थानों में अधिकतर के प्रबंधक और संचालक या तो वह खुद या उनके परिवार का कोई सदस्य है। इतना ही नहीं कई आलीशान होटलों के मालिक भी हैं। जब वह अपने क्षेत्र में चलते हैं तो उनके काफिले में कई लग्जरी गाड़ियां शामिल होती हैं।

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बने थे आरोपी

कॉलेज के दिनों से ही बृजभूषण छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए ​थे। सत्तर के दशक में केएस साकेत महाविद्यालय, अयोध्या में महामंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी के साथ साथ जो 40 नेता आरोपी बनाए गए, उनमें बृजभूषण शरण सिंह का नाम भी शामिल था। हालांकि स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 30 सितंबर 2020 को बाबरी विध्वंस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।

भाजपा ने 1991 में बृजभूषण को दिया था लोकसभा का टिकट

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भाजपा ने जब 1991 में बृजभूषण शरण सिंह को लोकसभा का टिकट दिया था, तब उनके खिलाफ 34 आपराधिक मामले दर्ज थे। वह बड़े अंतर से चुनाव जीते थे। बृजभूषण शरण सिंह को लेकर सबसे बड़ा विवाद तब हुआ था, जब उन पर अंडरवर्ल्ड के साथ जुड़ाव के आरोप लगे। साल 1996 वो साल था, जब बृजभूषण टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे। तब उनकी पत्नी केतकी सिंह ने गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के आनंद सिंह को 80 हजार वोटों से हराया। बाद में सीबीआइ ने इन सभी आरोपों से बृजभूषण को बरी कर दिया।

भाजपा ने गोंडा से 2004 के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण का टिकट काटकर घनश्याम शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया था। 26 अप्रैल 2004 को वोटिंग वाले दिन घनश्याम शुक्ल का रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। बृजभूषण शरण सिंह भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए। साल 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर लड़ा और जीत दर्ज की। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी भाजपा में घर वापसी हो गई और तब से वह कैसरगंज से भाजपा के सांसद हैं।

 

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