बिहार के बाहुबली व पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
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नई दिल्ली। बिहार के बाहुबली व पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन की रिहाई मामले में अब बिहार सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा है और नोटिस भेजा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार को दो हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है।
आनंद मोहन की रिहाई होने के बाद गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा है।
जेल मैनुअल में किया गया है संशोधन
मालूम हो कि आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश सरकार ने हाल में ही जेल मैनुअल में संशोधन किया है। जिसमें सरकारी सेवकों की हत्या का मामला भी आम व्यक्ति की ही हत्या जैसा होगा। कानून में हुए इस संशोधन का लाभ दो दर्जन से अधिक कैदियों को मिला। इसमें आनंद मोहन भी शामिल थे। मालूम हो कि गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की हत्या भीड़ ने पीट-पीटकर कर दी थी। इस मामले में आनंद मोहन दोषी पाए गए थे।