जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी को दहला दिया है। हमले के चश्मदीदों ने बताया कि कैसे गोलियों की बौछार और चीख-पुकार के बीच भगदड़ मच गई। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, और कई घायल हुए। घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। यह हमला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर हुआ, जब वहां बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय नागरिक मौजूद थे। आतंकियों ने अचानक से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे पूरे इलाके में चीख-पुकार और अफरातफरी मच गई। चश्मदीदों के अनुसार, यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित था और आतंकियों ने बेहद सटीकता से अपनी योजना को अंजाम दिया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम बस में बैठे थे कि अचानक गोलियों की आवाज़ सुनाई दी। कुछ ही पलों में चारों तरफ लोग दौड़ने लगे, बच्चे रोने लगे, और हर कोई अपनी जान बचाने की कोशिश में लग गया।” स्थानीय दुकानदारों ने भी बताया कि आतंकियों ने टारगेट कर के भीड़ पर फायरिंग की, जिससे कई लोग मौके पर ही घायल हो गए।
इस हमले में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आतंकियों का निशाना केवल पर्यटक थे या सुरक्षा बलों को भी लक्ष्य बनाया गया था। लेकिन जिस समय हमला हुआ, उस वक्त टूरिस्ट बस, स्थानीय वाहन, और कई पैदल यात्री सड़क पर थे। इससे यह साफ है कि आतंकी भीड़ को निशाना बना कर अधिकतम नुकसान पहुंचाना चाहते थे।
चश्मदीदों ने बताया कि हमले के तुरंत बाद आतंकियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान चलाया। स्थानीय लोगों ने इस दौरान पुलिस की मदद भी की, जिससे कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी की सूचना भी मिली है।
घटना के तुरंत बाद अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए। कई घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। प्रधानमंत्री राहत कोष, राज्य सरकार, और स्थानीय स्वयंसेवी संगठन मिलकर पीड़ितों की मदद में जुटे हैं।
पहलगाम जैसे पर्यटन क्षेत्र में सुरक्षा की चूक ने सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले ने यह साबित कर दिया कि आतंकी अब भी घाटी में सक्रिय हैं और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले के पीछे घुसपैठ और स्थानीय नेटवर्क दोनों की भूमिका हो सकती है।
केंद्र और राज्य सरकार ने इस हमले के बाद सुरक्षा समीक्षा के आदेश दिए हैं और कश्मीर में संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती शुरू कर दी गई है।
हमले के बाद पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। आम लोग, नेता, और सोशल मीडिया यूजर्स इस हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भी हमले पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।