उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में अचानक उस वक्त हड़कम्प मच गया जब एक मुर्दा अपनी फरियाद लेकर जिलाधिकारी के सामने पहुंच गया हाथ मे शिकायती प्रार्थना
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कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में अचानक उस वक्त हड़कम्प मच गया जब एक मुर्दा अपनी फरियाद लेकर जिलाधिकारी के सामने पहुंच गया हाथ मे शिकायती प्रार्थना पत्र लिए न्याय की गुहार लगाने लगा मुर्दा के हाथ मे प्रार्थना पत्र देख कार्यालय में मौजूद सुरक्षा कर्मी सहित अधिकारी हक्का-बक्का रह गए। जिलाधिकारी से शिकायत करने के साथ ही मुर्दा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से खुद को जिंदा किये जाने की गुहार लगाई।
दरअसल सरवन खेड़ा ब्लॉक के नहोली गांव की रहने वाली 95 वर्षीय बुजुर्ग महिला चंदावती को सरवन खेड़ा खंड विकास अधिकारी ने कागजों पर मृत घोषित कर दिया जिसकी जानकारी ना तो चंदावती को हुई ना ही उनके परिवार के किसी सदस्य को लेकिन जब लंबे समय तक चंदावती को मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन का पैसा नहीं मिला तब चंदावती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोर्टल पर इस पूरे मामले की शिकायत की जिसकी जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ की चंदावती को खंड विकास अधिकारी ने कागजों पर मृत घोषित कर दिया है जिसके चलते उनको मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं बंद कर दी गई है और जब यह जानकारी चांदावती को हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई गांव में यह सूचना आज की तरह फैल गई और वहां लोग चंदावती को भूत-भूत कह कर पुकारने लगे ऐसे में बुजुर्ग चंदावती की समस्याएं लगातार बढ़ने लगी इसके बाद चंदावती ने अधिकारियों की चौखट पर अपनी फरियाद सुनानी शुरू की जिससे उन्हें सरकारी सहायता मिलने लगे और उनका जीवन आसान हो जाए लेकिन चंदावती की सुनने वाला कोई नहीं हर जगह सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला इसके बाद चंदावती जिला अधिकारी कार्यालय पहुंची और कानपुर देहात के जिलाधिकारी आलोक कुमार सिंह को पूरी घटना बताई हालांकि जिला अधिकारी ने पूरे मामले में गंभीरता दिखाई और इस पूरे मामले की जांच कर की गई गलती को सुधार के निर्देश दिए लेकिन अब देखना यह होगा की चंदावती पुनः कागजों पर कब जिंदा हो पाती है।