BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक चुनावी कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली में "कमल" (BJP का चुनाव चिन्ह) खिल चुका है और अब पार्टी की नजर पश्चिम बंगाल पर है। उनके इस बयान को 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और बंगाल की राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है।
Updated Date
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान बड़ा राजनीतिक बयान दिया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में कमल खिल चुका है, अब बारी है पश्चिम बंगाल की।” नड्डा के इस बयान को पार्टी की भविष्य की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जहां बीजेपी अब अपने संगठनात्मक और चुनावी अभियान को पश्चिम बंगाल में मजबूत करने जा रही है।
नड्डा का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं है, बल्कि यह स्पष्ट संकेत है कि BJP 2024 लोकसभा चुनाव और 2026 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनावों की तैयारी में पूरी ताकत से जुट चुकी है। उन्होंने अपने भाषण में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह दिल्ली में भाजपा की पकड़ मजबूत हुई है, उसी तरह अब बंगाल में भी बदलाव की जरूरत है।
पश्चिम बंगाल की राजनीति हमेशा से ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) और उसके नेता ममता बनर्जी के इर्द-गिर्द घूमती रही है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में BJP ने राज्य में काफी जमीन तैयार की है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बंगाल में 18 सीटें जीतकर यह दिखा दिया कि राज्य में उसका जनाधार बढ़ रहा है।
जेपी नड्डा के बयान के बाद यह साफ है कि पार्टी अब बंगाल में सत्ता के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार है। भाजपा बंगाल की युवा पीढ़ी, महिलाओं और मध्यम वर्ग को अपने पक्ष में लाने के लिए खास रणनीति पर काम कर रही है।
जेपी नड्डा ने अपने भाषण में यह भी इशारा किया कि दिल्ली में भाजपा ने जो विकास मॉडल अपनाया है, वही अब बंगाल में भी लागू किया जाएगा। दिल्ली में पार्टी की सत्ता न होने के बावजूद निगमों, केंद्र सरकार की योजनाओं और युवाओं को जोड़ने वाले कार्यक्रमों के ज़रिए भाजपा ने एक मजबूत जनसंपर्क बनाया है।
BJP की कोशिश है कि बंगाल में भी विकास, कानून व्यवस्था और रोजगार जैसे मुद्दों को सामने रखकर जनता को TMC के विकल्प के रूप में खुद को स्थापित किया जाए।
जेपी नड्डा के इस बयान पर TMC की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया आई है। पार्टी ने कहा कि भाजपा बंगाल की संस्कृति और अस्मिता को नहीं समझती। TMC प्रवक्ताओं ने यह भी कहा कि भाजपा का “बाहरी पार्टी” का टैग अब भी बंगाल में कायम है और ममता बनर्जी की लोकप्रियता को कोई खतरा नहीं है।
हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर भाजपा अपनी जमीनी पकड़ और संगठन को और मजबूत करती है, तो ममता बनर्जी को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
जेपी नड्डा के इस बयान के बाद बंगाल की जनता के बीच चर्चा शुरू हो गई है। खासकर युवा वर्ग और शहरी इलाकों के लोग भाजपा की विकास की बातों को सुन रहे हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में अभी भी TMC की पकड़ मजबूत मानी जाती है। अगले कुछ महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किस तरह से बंगाल के हर कोने तक अपनी बात पहुंचाती है।