झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद हार पर मंथन करने में जुटी बीजेपी जल्द ही बड़ा बदलाव कर सकती है। यानि कहा जा सकता है सत्ता पक्ष की विपक्ष की भूमिका निभाने वाली बीजेपी की राज्य में पॉलिटिक्स शांत है। बरहाल अभी बीजेपी में खरमास चल रहा है। 14 महीने बाद पूर्व सीएम रघुवर दास की झारखंड में वापसी हुई है। रघुवर दास की वापसी के बाद इस बात के भी कयास लगने शुरू हो गए हैं कि बीजेपी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी या फिर केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देगी। रघुवर दास की वापसी से उनके समर्थकों में काफी उत्साह है।
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रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद हार पर मंथन करने में जुटी बीजेपी जल्द ही बड़ा बदलाव कर सकती है। यानि कहा जा सकता है सत्ता पक्ष की विपक्ष की भूमिका निभाने वाली बीजेपी की राज्य में पॉलिटिक्स शांत है। बरहाल अभी बीजेपी में खरमास चल रहा है। 14 महीने बाद पूर्व सीएम रघुवर दास की झारखंड में वापसी हुई है। रघुवर दास की वापसी के बाद इस बात के भी कयास लगने शुरू हो गए हैं कि बीजेपी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी या फिर केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देगी। रघुवर दास की वापसी से उनके समर्थकों में काफी उत्साह है।
अब भाजपा के वे नेता बचने का बहाना बना रहे हैं, जो चुनाव के दौरान रघुवर दास के खिलाफ बोलने में अपनी बाजीगरी मानते थे। यह बात तो तय है रघुवर दास के स्वागत में उमड़ी भीड़ ने उन सब नेताओं की नींद उड़ा दी है। मना जा रहा है 20 जनवरी को ट्रंप मेंकिंग मोडयानी शपथ ले सकते हैं यानि पश्चिमी सियायत का वि छोभ का असर भारत पर पड़ सकता है। केंद्र की सियायत की हलचल झारखंड में भी देखने को मिल सकती हैं। कल उड़ीसा के नए राज्यपाल हरि बाबू कंभपति कार्यभार संभालेंगे।
इसके बाद रघुवर दास उड़ीसा के राज्यपाल के कार्यभार से मुक्त हो जाएंगे। इसके बाद रघुवर दास बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। इसके बाद झारखंड की राजनीत पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसकी नजर सभी को है। रघुवर दास के आने से सत्ता पक्ष पर काफी प्रभाव पड़ा है। राजनीति पंडितों का कहना है कि रघुवर की राह आसान नहीं है। प्रदेश में बीजेपी अंदर से कई भागों में बटी है। बीजेपी के किसी नए प्रयोग की तरफ इशारा कर रहा है।
संगठनात्मक बदलाव को लेकर मंथन के बीच बीजपी रघुवर दास को प्रदेश की भूमिका में क्या होगी यह देखने वाली बात हो सकती बरहाल सुदेश महतो आजसू nda का हिस्सा मानते है विधानसभा चुनाव में जेडीयू से लड़े सरयू राय बीजेपी से नजदीकियां बढ़ी है।
वर्तमान में कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित कई नेताओं को भरोसे में लेना है तभी प्रदेश बीजेपी की सदस्यता से लेकर संथाल से कोहलान बीजेपी मजबूत होगी। बीजेपी यह जानती है कि रघुवर दास से बड़ा ओबीसी नेता इस राज्य में नहीं है। अब सवाल यह है कि क्या रघुबर झारखंड में jmm से मुक्ति कर बीजेपी को रामराज्य दिला पाएंगे।