IPL 2025 को अचानक सस्पेंड किए जाने के फैसले ने खेलप्रेमियों को झटका दिया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि IPL जैसे आयोजन जनता के मनोबल को बढ़ाते हैं और इसे स्थगित करना गलत संकेत देता है।
Updated Date
IPL 2025 के सस्पेंशन के फैसले ने न केवल खिलाड़ियों बल्कि करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को भी निराश किया है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “IPL को सस्पेंड करना सरकार की नाकामी और गंभीर प्रशासनिक विफलता को छुपाने का तरीका है।”
अखिलेश यादव ने कहा कि IPL जैसे बड़े आयोजन देश के युवाओं को उत्साह, रोजगार और प्रेरणा देते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सुरक्षा कारणों या राजनीतिक कारणों से IPL को रोका गया है, तो यह दिखाता है कि सरकार लोगों की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में असफल रही है। “यह सिर्फ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं है, यह देश के युवा सपनों और आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा है,” उन्होंने कहा।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि IPL को सस्पेंड करने का निर्णय जनता का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की खराब स्थिति से हटाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार को जवाब देना मुश्किल होता है, तो वो ऐसे लोकप्रिय आयोजनों को निशाना बनाकर जनता की भावनाओं के साथ खेलती है।
उन्होंने आगे कहा कि देश की छवि को भी इस फैसले से नुकसान पहुंचेगा क्योंकि IPL एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन चुका है, और इसके आयोजन से भारत की सॉफ्ट पावर और स्पोर्ट्स डिप्लोमेसी को बल मिलता है।
अखिलेश यादव ने IPL सस्पेंशन के फैसले को देश के खिलाड़ियों और फैंस के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग IPL से जुड़े होते हैं, जिनमें खिलाड़ी, तकनीकी कर्मचारी, आयोजक, होटल, टूरिज्म और मीडिया से जुड़े लोग शामिल हैं। इस फैसले ने न केवल भावनात्मक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि आर्थिक झटका भी दिया है।
उन्होंने मांग की कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि IPL को सस्पेंड करने के पीछे असली कारण क्या हैं और क्या यह फैसला जनहित में है या सिर्फ राजनीतिक स्टंट।
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में यूज़र्स ने IPL को रद्द किए जाने का विरोध किया है। ट्विटर पर #SaveIPL2025 और #WeWantIPL ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।
विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि IPL को रोकना लोकतांत्रिक भावना और खेल की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
अखिलेश यादव का बयान IPL 2025 के सस्पेंशन पर एक राजनीतिक और सामाजिक विमर्श को जन्म दे चुका है। एक तरफ सरकार अपनी मजबूरियों का हवाला दे रही है, वहीं विपक्ष इसे निष्क्रियता और विफलताओं का पर्दा बता रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या जनता का दबाव IPL को फिर से शुरू कराने में मदद करता है या यह फैसला स्थायी हो जाएगा।