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महाकुंभ का निमंत्रण, सियासत भयंकर ! 27 से पहले धर्म की बात, क्या भाजपा के लिए होगा असरदार !

उत्तर प्रदेश में धर्म की सियासत का चढ़ा पारा। 2027 से पहले शुरू हुआ मंदिर, मस्जिद विवाद..सवालों में घिरता दिख रहा सबसे बड़ा महाकुंभ। जी हां 2024 में भाजपा ने राममंदिर का उद्घोष किया। लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो लोग चर्चा करने लगे कि धर्म की सियासत के दिन लद चुके हैं। अब धर्म पॉलिटिक्स के बुरे दिन और pda पॉलिटिक्स के अच्छे दिन आ गए हैं।

By HO BUREAU 

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्म की सियासत का चढ़ा पारा। 2027 से पहले शुरू हुआ मंदिर, मस्जिद विवाद..सवालों में घिरता दिख रहा सबसे बड़ा महाकुंभ। जी हां 2024 में भाजपा ने राममंदिर का उद्घोष किया। लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो लोग चर्चा करने लगे कि धर्म की सियासत के दिन लद चुके हैं। अब धर्म पॉलिटिक्स के बुरे दिन और pda पॉलिटिक्स के अच्छे दिन आ गए हैं।

पढ़ें :- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ में शामिल होकर साधे कई सियासी समीकरण, खुद को बतलाया सच्चा सनातनी

लेकिन कुछ ही महीनों में खेल बदल गया। सियासत में pda पोस्टर में दिख रहा असल में तो उपचुनाव से धर्म की सियासत फिर चढ़ गई है।  संभल में मंदिर मस्जिद के विवाद में हुए बवाल के बाद जिस तरह भाजपा और सपा आमने सामने आ गई है।उससे ये तय हो गया को धर्म की सियासत के अच्छे दिन बाकी है। संभल बवाल को एक महीने से ऊपर हो गया लेकिन सपा इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है। लगातार अपना प्रतिनिधि मंडल भेजने के प्रयास में रहती है।

वहीं संभल जामा मस्जिद के सर्वे के बाद लगातार कई जगह मंदिर और सनातन से कुआं मिलने से भाजपा सपा को कटघरे में।खड़ी कर देती है। ऐसे में अखिलेश यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सीएम आवास में शिवलिंग होने का दावा करते हुए खुदाई करने का बयान दे डाला। अखिलेश ने सीएम आवास में खुदाई के बहाने सरकार पर तंज कसा ही साथ ही महाकुंभ में सरकार द्वारा दिए जा रहे निमंत्रण पर सवाल उठाए। अखिलेश बोले महाकुंभ में श्रद्धालु खुद आते है कोई बुलाता नहीं है।

वहीं इन सब के बीच बीजेपी विपक्षियों को संगम स्नान कर के अपने पाप को धोने की हिदायात दे रही है।और विपक्षी पार्टियां जमकर महाकुंभ की आधी अधुरी तैयारी को जनता को दिखा रही है। संदेश साफ है कि योगी सरकार जहां महाकुंभ का भव्य आयोजन कर अच्छे नंबर बनाना चाहती है वहीं सपा महाकुंभ पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है । अब अखिलेश यादव कुछ भी बयान दें लेकिन अगर धर्म की सियासत को धार मिली तो फायदा किस पार्टी को होगा ये अखिलेश यादव भी जानते है। लेकिन फिर संभल, बहराइच से लेकर महाकुंभ पर बयान देकर अखिलेश भाजपा को फ्री हिट देते दिख रहे।

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