Booking.com
  1. हिन्दी समाचार
  2. INDIAN ARMY
  3. Indus Water Treaty पर रोक का बड़ा असर: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लगेगा तगड़ा झटका

Indus Water Treaty पर रोक का बड़ा असर: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लगेगा तगड़ा झटका

भारत द्वारा Indus Water Treaty पर पुनर्विचार और संभावित रोक का संकेत पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकट का संकेत है। पाकिस्तान की कृषि और जल संसाधन पूरी तरह इस समझौते पर निर्भर हैं। अगर भारत इस पर सख्त कदम उठाता है तो इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आंतरिक स्थिरता पर भारी असर पड़ेगा।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

Indus Water Treaty पर भारत का रुख सख्त, पाकिस्तान को झेलना पड़ सकता है बड़ा जल संकट

Indus Water Treaty, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ एक ऐतिहासिक समझौता है, जिसके तहत भारत ने तीन पूर्वी नदियों (रावी, व्यास और सतलुज) पर पूर्ण अधिकार जबकि पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चेनाब) का उपयोग पाकिस्तान को दिया गया था। अब जब भारत इस समझौते पर पुनर्विचार की बात कर रहा है और संभवत: कुछ हिस्सों में रोक लगाने की योजना बना रहा है, तो पाकिस्तान के लिए यह एक जल संकट और आर्थिक तबाही की शुरुआत हो सकती है।

पढ़ें :- Sachin Pilot का बड़ा बयान: 'आतंकवाद खत्म करने और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए देश को एकजुट होना होगा'

भारत का यह फैसला पूरी तरह रणनीतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से उठाया जा रहा है, खासकर तब जब पाकिस्तान द्वारा बार-बार आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ झूठा प्रचार किया जाता है। भारत अब यह स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि पड़ोसी की नीतियों का जवाब सिर्फ बातों से नहीं, संसाधनों से भी दिया जाएगा।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा जबरदस्त असर

पाकिस्तान की 70% से अधिक कृषि भूमि इन नदियों पर निर्भर है। अगर भारत जल प्रवाह में कटौती करता है या निर्माण कार्यों को तेज करता है तो पाकिस्तान को फसलों की बर्बादी, जल भंडारण में कमी और बिजली उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। सिंधु नदी पाकिस्तान की आर्थिक जीवनरेखा मानी जाती है और यदि इसका प्रवाह बाधित होता है तो पाकिस्तान को भारी भू-राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ेगा।

भारत के पास विकल्प और कानूनी आधार

भारत ने अब तक संधि का पूरा सम्मान किया है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा बार-बार समझौते का दुरुपयोग, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का सहारा लेना, और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देना अब भारत को वैकल्पिक रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। भारत के पास यह अधिकार है कि वह जल उपयोग का अधिकतम लाभ उठाए, खासकर सिंचाई, बिजली और घरेलू जरूरतों के लिए।

भारत पहले ही कई जल परियोजनाओं को हरी झंडी दे चुका है और कुछ पर काम तेज कर दिया गया है। ये सभी कदम यह दर्शाते हैं कि अब भारत अपनी आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा।

पढ़ें :- INS Vikrant से अरब सागर में भारत का शक्ति प्रदर्शन, पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी | India-Pakistan Tensions

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत

भारत का रुख अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मजबूत नजर आ रहा है। अधिकांश देश यह समझते हैं कि भारत एक जिम्मेदार देश है और उसने दशकों तक इस समझौते का पालन किया। अब जब पाकिस्तान इसका राजनीतिक लाभ उठाकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है, तो भारत की प्रतिक्रिया न्यायोचित और रणनीतिक मानी जा रही है।

निष्कर्ष

Indus Water Treaty पर भारत की रणनीतिक सख्ती न केवल पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह एक नई भू-राजनीतिक दिशा की ओर भी इशारा करती है। भारत अब स्पष्ट कर रहा है कि उसकी सहनशीलता की सीमा खत्म हो चुकी है और अब वह अपने प्राकृतिक संसाधनों का संप्रभु अधिकार पूरी तरह से प्रयोग करेगा।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com