Booking.com
  1. हिन्दी समाचार
  2. controversy
  3. India Rebukes Pakistan Army Chief Over ‘Two-Nation Theory’ Statement: Sparks Diplomatic Firestorm

India Rebukes Pakistan Army Chief Over ‘Two-Nation Theory’ Statement: Sparks Diplomatic Firestorm

भारत ने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के 'दो राष्ट्र सिद्धांत' पर दिए गए विवादित बयान को कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बयान न केवल इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रयासों को भी नुकसान पहुंचाता है। यह मुद्दा एक बार फिर भारत-पाक संबंधों में तल्खी बढ़ाने का कारण बन गया है।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

India Slams Pakistan Army Chief’s ‘2-Nation’ Theory Remark: Rising Tensions Between Neighbors

पढ़ें :- Trump की “India-Pakistan Dinner Date” सलाह: राजनयिक प्रस्ताव या कूटनीतिक गड़बड़ी?

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रही राजनयिक खींचतान में एक बार फिर नई चिंगारी तब भड़क गई जब पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर मुद्दे के संदर्भ में ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ (Two-Nation Theory) को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, “कश्मीर पाकिस्तान की शिरा है और हम इसे कभी नहीं भूल सकते”, साथ ही यह भी जोड़ा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मूल संघर्ष की जड़ ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ है।

इस बयान के कुछ ही घंटों बाद भारत सरकार की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। विदेश मंत्रालय ने इसे “भड़काऊ और ऐतिहासिक तथ्यों से परे” बताया।


क्या कहा भारत ने?

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में कहा:

पढ़ें :- India-Pakistan Conflict: ‘PM मोदी की क्षमता पर गर्व है’—राज्यसभा सांसद मनोज झा का बड़ा बयान

“भारत का स्पष्ट मानना है कि ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ एक विफल और विभाजनकारी विचारधारा है, जिसने उपमहाद्वीप को वर्षों तक हिंसा, आतंक और पीड़ा में झोंक दिया है। हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह आतंकवाद के पोषण और भारत-विरोधी एजेंडे से दूर हटे।”


‘Two-Nation Theory’ क्या है?

Two-Nation Theory वह विचारधारा थी, जिसके आधार पर पाकिस्तान का निर्माण 1947 में हुआ। इसका मूल तर्क यह था कि हिन्दू और मुस्लिम दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, जिनका सह-अस्तित्व संभव नहीं है। इस सिद्धांत को भारत ने शुरू से ही खारिज किया और सेक्युलरिज्म और लोकतंत्र के रास्ते पर आगे बढ़ा।

जनरल मुनीर का बयान इस सिद्धांत को फिर से हवा देता प्रतीत होता है, जो न सिर्फ राजनीतिक रूप से भड़काऊ है, बल्कि राजनयिक संबंधों को भी प्रभावित करता है।


भारत की नाराजगी के पीछे कारण

पढ़ें :- India-Pakistan तनाव के बीच IndiGo और Air India ने सात शहरों के लिए उड़ानें की रद्द
  1. कश्मीर का बार-बार जिक्र: पाकिस्तान द्वारा कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार उठाना भारत की संप्रभुता के खिलाफ है।

  2. भड़काऊ बयानबाजी: सेना प्रमुख जैसे वरिष्ठ पद पर बैठे व्यक्ति का ऐसा बयान सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

  3. ऐतिहासिक विकृति: भारत का मानना है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना बार-बार इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं।


पाकिस्तान की सेना और राजनीति में गठजोड़

पाकिस्तान में सेना को हमेशा से सियासत का सबसे मजबूत स्तंभ माना गया है। सेना प्रमुख का यह बयान एक बार फिर यह दर्शाता है कि पाकिस्तानी फौज भारत के खिलाफ एजेंडा सेट करने में अहम भूमिका निभाती है। भारत की चिंता यह भी है कि इस तरह के बयान उग्रवादियों और आतंक संगठनों को बल दे सकते हैं।


अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

पढ़ें :- Jitu Patwari का पाकिस्तान पर तीखा हमला: 'India के सामने खड़े होने की हैसियत नहीं है'

अब तक अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन राजनयिक हलकों में चर्चा गर्म है। भारत इस मामले को वैश्विक मंचों पर उठाने की तैयारी कर रहा है, खासकर यह दिखाने के लिए कि कैसे पाकिस्तान बार-बार भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है।


क्या होगा अगला कदम?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस बयान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाना शुरू करेगा और संभव है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ विरोध पत्र (Demarche) भी जारी करे। इसके अलावा, भारत संयुक्त राष्ट्र और OIC जैसी संस्थाओं को भी इस पर नोटिस दे सकता है।


जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया

भारत में इस बयान के खिलाफ सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। हैशटैग #TwoNationTheoryFail और #IndiaSlamsPakistan ट्रेंड कर रहे हैं। कई प्रमुख चैनलों और अखबारों ने इसे भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है।


निष्कर्ष

पाकिस्तान सेना प्रमुख का ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ पर दिया गया बयान एक बार फिर भारत-पाक संबंधों की नाजुकता को उजागर करता है। जहां भारत आतंकमुक्त और शांतिपूर्ण उपमहाद्वीप की वकालत करता है, वहीं पाकिस्तान का यह बयान कट्टरपंथ और ऐतिहासिक भटकाव को दर्शाता है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत इस मुद्दे को कैसे प्रस्तुत करता है और पाकिस्तान पर क्या दबाव बनता है।

पढ़ें :- भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब: संबित पात्रा बोले- मोदी सरकार ने दिया स्पष्ट संदेश

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com