राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक संदिग्ध मिसाइल का मलबा गिरने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। स्थानीय लोगों ने जोरदार धमाके की आवाज सुनी और तुरंत प्रशासन को सूचना दी। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद के बीच इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
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राजस्थान के सीमावर्ती जिले हनुमानगढ़ में एक संदिग्ध मिसाइल का मलबा गिरने की खबर से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने अचानक एक तेज धमाके की आवाज सुनी, जिसके बाद उन्हें एक खेत में जला हुआ मलबा दिखाई दिया। सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और सेना मौके पर पहुंच गई और क्षेत्र को घेर लिया गया।
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि यह मलबा किसी मिलिट्री मिसाइल सिस्टम से जुड़ा हो सकता है, जिसकी दिशा भटकने के कारण यह भारतीय क्षेत्र में गिरा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मिसाइल पाकिस्तान की ओर से आई या किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से भारतीय सिस्टम से संबंधित है।
घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों, बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड, और IAF (भारतीय वायुसेना) की टीमों ने क्षेत्र में डेरा डाल दिया है। मलबे को सील कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह मिसाइल किस देश की है और इसका उद्देश्य क्या था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें पहले जोरदार धमाका सुनाई दिया और फिर आसमान से कुछ गिरते हुए देखा। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह सवाल जरूर उठता है कि इस प्रकार की घटनाएं यदि आबादी वाले क्षेत्रों में हों तो कितना बड़ा नुकसान हो सकता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा तनाव कोई नया विषय नहीं है। कई बार सीमा उल्लंघन, ड्रोन गतिविधियां, और अब इस तरह के मिसाइल गिरने की घटनाएं एक बड़े खतरे की ओर इशारा करती हैं। भारत सरकार पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दे चुकी है कि किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
इस घटना को लेकर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के स्तर पर भी चर्चा शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह पाकिस्तानी मिसाइल है तो यह एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय मामला बन सकता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र तक ले जाया जा सकता है।
घटना के बाद स्थानीय नेताओं और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की ओर से भी बयान सामने आने लगे हैं। कई नेताओं ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक बताया और केंद्र सरकार से मांग की है कि पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। वहीं, सरकार ने भरोसा दिलाया है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इसके बाद सीमा से सटे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। राजस्थान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने आसपास के गांवों में जनजागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया है ताकि ऐसी किसी और घटना में लोग सतर्क रहें।