भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर के बावजूद ‘किराना हिल्स’ का रहस्य एक बार फिर सुर्खियों में है। ये इलाका वर्षों से जासूसी, सैन्य परीक्षण और गोपनीय गतिविधियों के लिए चर्चा में रहा है। हालिया खुफिया इनपुट ने इस क्षेत्र को फिर से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में ला दिया है, जिससे भारत की रणनीतिक तैयारियों में तेजी आई है।
Updated Date
भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 के सीज़फायर समझौते के बावजूद, ‘किराना हिल्स’ (Kirana Hills) का नाम एक बार फिर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित यह पहाड़ी इलाका दशकों से गोपनीय सैन्य गतिविधियों, विशेष रूप से परमाणु परीक्षण और मिसाइल प्रणाली के परीक्षणों के लिए जाना जाता रहा है। कहा जाता है कि 1980 और 1990 के दशक में पाकिस्तान ने यहां गुपचुप रूप से परमाणु हथियारों से संबंधित प्रयोग किए थे।
किराना हिल्स को लेकर पाकिस्तानी सरकार ने हमेशा चुप्पी साधी है, लेकिन वैश्विक खुफिया रिपोर्टों और सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, इस क्षेत्र में असामान्य भू-गतिविधियों और निर्माण कार्य देखे गए हैं। भारत के रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यहां अभी भी सैटेलाइट-जैमिंग डिवाइसेज़, मिसाइल परीक्षणों की तैयारी और सैन्य प्रयोग जारी हैं।
यह इलाका पाकिस्तान के सैन्य विज्ञान केंद्र (PAEC) के नियंत्रण में है, जहां अक्सर हाई-सिक्योरिटी मूवमेंट देखे जाते हैं। इसका भारतीय सीमा से करीब होना और इसकी रणनीतिक लोकेशन इसे भारतीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बनाती है।
भारत ने इस रहस्य को हल्के में नहीं लिया है। RAW, NTRO और अन्य खुफिया एजेंसियों ने इस क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी है। उपग्रह चित्रण, ड्रोन सर्विलांस और रेडियो इंटरसेप्शन जैसी तकनीकों का प्रयोग कर भारत किराना हिल्स की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है।
भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय का मानना है कि यदि पाकिस्तान इस क्षेत्र को फिर से सक्रिय कर रहा है, तो यह सीज़फायर के उल्लंघन की संभावना को जन्म दे सकता है। इसलिए सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत ने सुरक्षा और निगरानी उपकरणों को अपग्रेड किया है।
किराना हिल्स की गतिविधियों पर न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी एजेंसियों की भी नजर है। अमेरिका और यूरोप की सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी इस क्षेत्र में संभावित गुप्त परमाणु परीक्षण को लेकर चिंता जताई थी। यह भी आशंका जताई जा रही है कि चीन की मदद से पाकिस्तान वहां कुछ नई टेक्नोलॉजीज़ का परीक्षण कर रहा है।
हालांकि दोनों देशों ने सीज़फायर को लेकर वचनबद्धता जताई है, लेकिन किराना हिल्स की गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अब भी पीछे से तैयारी में जुटा है। भारत ने अब तक कूटनीतिक तरीके से संयम बरता है, लेकिन यह तय है कि किसी भी संप्रभुता या सुरक्षा खतरे की स्थिति में भारत की जवाबी कार्रवाई कड़ी होगी।