भारत-पाक तनाव के बीच सीमा पर सुरक्षा व्यवस्थाएं और अधिक सशक्त की जा रही हैं। रूस से मिली अत्याधुनिक मिसाइलों को सीमावर्ती इलाकों में तैनात कर दिया गया है। भारतीय सेना ने जल, थल और नभ—तीनों मोर्चों पर चौकसी बढ़ा दी है, जिससे दुश्मन को कड़ा संदेश दिया गया है। यह रणनीति भारत की रक्षा नीति और आत्मनिर्भरता का परिचायक बन रही है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ रहे सीमा तनाव के मद्देनज़र भारत ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। हाल ही में रूस से प्राप्त मिसाइल सिस्टम को सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जिससे भारत की रणनीतिक क्षमता में भारी इजाफा हुआ है। सेना के उच्च सूत्रों के मुताबिक, ये मिसाइलें लॉन्ग-रेंज प्रिसिशन स्ट्राइक की क्षमता रखती हैं, और किसी भी संभावित खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं।
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना—तीनों ने एक समन्वित ऑपरेशन प्लान को क्रियान्वित किया है। थल सेना ने राजस्थान और पंजाब बॉर्डर पर अपने बख्तरबंद रेजिमेंट को अलर्ट पर रखा है, जबकि नौसेना ने अरब सागर में अपनी गश्त को बढ़ा दिया है। वहीं, भारतीय वायुसेना ने फाइटर जेट्स की नियमित उड़ानें शुरू कर दी हैं जो सीमा पार किसी भी संभावित हमले का तत्काल जवाब देने में सक्षम हैं।
भारत की यह तैयारी न केवल एक सुरक्षा कवच है, बल्कि यह संदेश भी है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं बल्कि प्रो-एक्टिव डिफेंस पॉलिसी पर काम कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह तैनाती सिर्फ भारत की ताकत नहीं दिखाती, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की दिशा में भी एक कड़ा कदम है।
भारत और रूस के बीच सैन्य तकनीक और रक्षा आपूर्ति को लेकर मजबूत साझेदारी पहले से ही मौजूद है। रूस से मिलने वाली S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, Kalibr क्रूज मिसाइल, और हालिया डिलीवर किए गए टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम इस साझेदारी को और मजबूत करते हैं। रूस से आने वाली यह सैन्य मदद भारत को न केवल पाकिस्तान, बल्कि चीन के साथ लगती सीमाओं पर भी रणनीतिक बढ़त दिला रही है।
हाल ही में पाकिस्तान द्वारा LoC पर सीजफायर उल्लंघन, ड्रोन गतिविधियों में बढ़ोतरी और आतंकी घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं। इन सभी गतिविधियों के जवाब में भारत ने अपनी निगरानी क्षमताओं को मजबूत किया है। सैटेलाइट इमेजिंग, रडार नेटवर्क, और UAV गश्ती को अब दोगुना कर दिया गया है। साथ ही, खुफिया एजेंसियां पाकिस्तानी गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रख रही हैं।
सरकार और सशस्त्र बलों की यह रणनीति जनता के मन में सुरक्षा और आत्मविश्वास का माहौल बना रही है। वहीं, पाकिस्तान को यह सीधा संदेश गया है कि भारत अब कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं करेगा और हर चुनौती का मजबूत जवाब देने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में यह तय किया गया कि भारत की सैन्य क्षमता को और अधिक आधुनिक और प्रभावशाली बनाया जाएगा। इसके तहत नई तकनीकों की खरीद, घरेलू उत्पादन में तेजी, और स्वदेशी रक्षा निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।