नव संचालित अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के तहत सरकार द्वारा आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये का उपयोग उद्योग द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने और देश में एक अनुसंधान आधारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए किया जाना चाहिए और युवाओं को प्रयोग और विकास की मानसिकता के साथ जोड़ा जाना चाहिए। यह बातें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 21 नवंबर को नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 97वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में कही।
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नई दिल्ली। नव संचालित अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के तहत सरकार द्वारा आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये का उपयोग उद्योग द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने और देश में एक अनुसंधान आधारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए किया जाना चाहिए और युवाओं को प्रयोग और विकास की मानसिकता के साथ जोड़ा जाना चाहिए। यह बातें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 21 नवंबर को नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 97वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में कही।
मंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत को अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद करने की सरकार की पहल से उद्योग जगत के नेताओं की रुचि बढ़ेगी। उन्होंने प्रतिभागियों से धन प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को परिणामोन्मुख और समय कुशल बनाने के लिए सुझाव देने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों की जरूरतों को पूरा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने और उद्योग के साथ सहयोग के लिए उद्योग-अकादमिक-सरकारी साझेदारी का हिस्सा बनने के लिए निजी क्षेत्र के संस्थानों को लाने की भी वकालत की।
श्री गोयल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पीएम मोदी सरकार के तहत डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना – सौभाग्य, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई), आयुष्मान भारत और ‘बीड्स इन ए नेकलेस’ जैसी अन्य पहलों ने भारत के विकास में योगदान दिया है। राष्ट्र के भविष्य को आकार देने के लिए प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की सराहना करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वच्छता के लिए जागरूकता एक क्रांति है जिसे प्रधानमंत्री ने शुरू किया है।
इसके अलावा उन्होंने देश भर के औद्योगिक पार्कों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए “स्वच्छ उद्योग पार्कों में उत्कृष्टता” पुरस्कार श्रेणी का आयोजन करने के लिए फिक्की की सराहना की और कहा कि स्वच्छता का आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और रोजगार से गहरा संबंध है। उन्होंने आगे कहा कि उद्योगों और कॉर्पोरेट कार्यालयों द्वारा स्वच्छता के लिए फिक्की द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान एक बहुत अच्छी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल होगी।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सीएसआर द्वारा स्कूलों और कॉलेजों में शौचालयों को अपनाने से बच्चों के भविष्य पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और भारत की विकास गाथा बढ़ेगी। श्री गोयल ने उद्योग जगत के नेताओं से अधिक सक्रिय भूमिका निभाने और अनुपालन बोझ को कम करने और व्यवसायों के लिए हानिकारक कानूनों को अपराधमुक्त करने के अपने एजेंडे में सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया, जिससे व्यापार करने में आसानी में सुधार होगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र को अपना काम बेहतर ढंग से करने में मदद करने के लिए फिक्की को फीडबैक तंत्र बनना होगा।
ग्लोबल साउथ के लिए भारत निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका
विश्व स्तर पर भारत के बढ़ते महत्व के बारे में बोलते हुए मंत्री ने रेखांकित किया कि राष्ट्र ने दुनिया का विश्वास अर्जित किया है और इसके व्यवसाय तेजी से वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल साउथ के लिए भारत को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे दुनिया के विकास इंजन के रूप में देखा जाता है।
देश में गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, मंत्री ने फिक्की से अपनी तकनीकी समितियों में शामिल होने और मानकों को बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक उद्योग से एक प्रतिनिधि नियुक्त करने का आग्रह किया। इस तरह गुणवत्ता मानक अधिक व्यावहारिक, उपयोगी होंगे और भारत को वस्तुओं और सेवाओं के गुणवत्ता उत्पादक के रूप में पहचान दिलाने में मदद मिलेगी। भारत न केवल एक विश्वसनीय भागीदार होगा बल्कि गुणवत्तापूर्ण सामान का प्रदाता भी होगा। उन्होंने कहा कि यह विकसित भारत की दिशा में हमारी यात्रा को परिभाषित करने वाला एक शक्तिशाली संयोजन होगा।