दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी साफ हो गया है जिसमें केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव को जिम्मेदारी दी है कि वह दिन प्रतिदिन के स्तर पर प्रदूषण समस्या का समाधान करें। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा दोषी हरियाणा की सरकार है।
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नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी साफ हो गया है जिसमें केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव को जिम्मेदारी दी है कि वह दिन प्रतिदिन के स्तर पर प्रदूषण समस्या का समाधान करें। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा दोषी हरियाणा की सरकार है।
सीएम मनोहर लाल खट्टर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दिल्ली और आसपास के सभी जगहों पर प्रदूषण का काला साया छाया है। उस समय में देश के पर्यावरण मंत्री चुनावी सभा करने में व्यस्त हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में बुधवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और आसपास के सभी जगहों पर प्रदूषण का काला साया छाया है। ऐसे समय में जब केंद्र सरकार और उनकी सभी एजेंसी को 24 घंटे काम करना चाहिए। उस समय में देश के पर्यावरण मंत्री मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनावी सभा करने में व्यस्त हैं। उन्होंने जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है कि अगर कुछ कर सकते हो तो खुद कर लो।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्पॉन्सर कुछ मीडिया के लोग सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के ऊपर इस जिम्मेदारी को डाल देते हैं। ऐसा लगता है कि पूरा एक एजेंडा चलाया जाता है कि किसी तरह से सीएम अरविंद केजरीवाल को बदनाम करो। लेकिन एक भी व्यक्ति ने केंद्र सरकार से सवाल नहीं किया कि तुमने कोई काम क्यों नहीं किया? सभी राज्यों के साथ बैठकर कोई योजना क्यों नहीं बनाई ?
केंद्र सरकार पर लगाया मदद न करने का आरोप
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पंजाब सरकार ने कल अपने हलफनामे में बताया कि पराली को नष्ट करने वाली मशीनों की कीमत काफी ज्यादा है। पंजाब सरकार मशीन की खरीद पर किसानों को सब्सिडी देने के लिए तैयार है लेकिन केंद्र सरकार कोई मदद नहीं कर रही है। पंजाब में हमारी सरकार बनने से पहले 2021 में लगभग 73 हजार जगह पर पराली जलाई जाती थी। लेकिन अब हमारी सरकार बनने के बाद यह आंकड़ा 17 हजार पर आ गया है। ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं में करीब 65% तक की कमी आई है।