करनाल में नीलोखेडी के पधाना गांव में खड़ी फसल व फसल अवशेष आग की भेंट चढ़ गई। करीब 200 एकड़ में आग लगी। जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची तब तक फसल जलकर राख हो चुकी थी। किसानों का आरोप था कि फायर ब्रिगेड व पुलिस काफी देर से पहुंची। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
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करनाल। करनाल में नीलोखेडी के पधाना गांव में खड़ी फसल व फसल अवशेष आग की भेंट चढ़ गई। करीब 200 एकड़ में आग लगी। जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची तब तक फसल जलकर राख हो चुकी थी। किसानों का आरोप था कि फायर ब्रिगेड व पुलिस काफी देर से पहुंची। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
किसान देवी दयाल ने बताया कि रेलवे स्टेशन के पास से अचानक फसल में आग लगी। खेतों में धुआं उठता देख आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान भी हरकत में आ गए। उन्होंने आग देखकर तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ी को कॉल किया, जब तक गाड़ी आती तब तक किसानों ने खुद ही आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया।
आगजनी की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की 6-7 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। गांव के सरपंच प्रवीन राणा ने बताया कि खड़ी फसल और बाकी फाने जलकर राख हो गए। न खाने को दाने बचे हैं और न ही पशुओं के लिए भूसा। किसान देवी दयाल ने दो एकड़ जमीन ठेके पर ली थी।
प्रति एकड़ के लिए उसने 55 हजार रुपए दिए थे। उसे उम्मीद थी कि फसल अच्छी होगी और उसके घर में आमदनी होगी और साथ ही खाने के लिए अनाज भी होगा, लेकिन सबकुछ नष्ट हो गया। अब उसे चिंता है कि उसके नुकसान की भरपाई कैसे होगी। प्रेम मुजाल और उसके भाई विजय की 10 एकड़ फसल थी। वह भी आग की भेंट चढ़ गई।