पराली की वजह से शहर में धुंध छाई हुई है जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस कृषि प्रधान राज्य ने शनिवार को 169, रविवार को 206 और सोमवार को पराली जलाने की 403 घटनाओं की सूचना दी है।
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पराली की वजह से शहर में धुंध छाई हुई है जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस कृषि प्रधान राज्य ने शनिवार को 169, रविवार को 206 और सोमवार को पराली जलाने की 403 घटनाओं की सूचना दी है। सितंबर के अंत और अक्टूबर में दो बार लंबे समय तक बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा में इस बार देरी से धान की कटाई शुरू हुई. फिलहाल अब दोनों राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी की सूचना मिल रही है। क्योंकि किसान अपने खेतों को अगली फसल की बुवाई के लिए तैयार करने के लिए जोर-शोर से जुट गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि इस साल अब तक दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों में पराली जलाने की कुल 1,695 घटनाएं हुई हैं। जिसमें केवल पंजाब में ही 1,444 घटनाएं सामने आईं हैं। इसके बावजूद पंजाब के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मध्यम और संतोषजनक श्रेणी में रहा, जबकि हरियाणा के आधा दर्जन शहरों में यह खराब श्रेणी में आने लगा है। हरियाणा के मानेसर में 291 के एक्यूआई के साथ खराब श्रेणी की हवा दर्ज की गई. इसके बाद फरीदाबाद (286), बहादुरगढ़ (244), गुरुग्राम (232), जींद (228), फतेहाबाद (210), और कुरुक्षेत्र (204) का स्थान रहा।
जबकि पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 237 की तुलना में AQI 134 दर्ज किया गया. जो मध्यम स्तर का है। गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। खराब श्रेणी की हवा में रहने वाले ज्यादातर लोगों को कुछ समय के बाद सांस लेने में तकलीफ होती है. जबकि मध्यम AQI से फेफड़े, अस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है।