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‘फराल सखी’ :  महिलाओं को आवश्यक उपकरण, कौशल और अवसर प्रदान करने की पहल, मिलेंगे रोजगार

मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) ने महाराष्ट्र के मीरा भयंदर शहर में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 'फराल सखी' नामक एक प्रमुख पहल की रूपरेखा तैयार की है। यह कार्यक्रम पारंपरिक स्नैक उत्पादन से जुड़ी महिला उद्यमियों को अपने उद्यमों को स्थायी और प्रभावी ढंग से बढ़ाने में सहायता करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान करेगा। करते हुए डब्ल्यूईपी की अवार्ड टू रिवार्ड पहल के अंतर्गत औपचारिक रूप से 'फराल सखी' का शुभारंभ किया।

By HO BUREAU 

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नई दिल्ली। मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) ने महाराष्ट्र के मीरा भयंदर शहर में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘फराल सखी’ नामक एक प्रमुख पहल की रूपरेखा तैयार की है। यह कार्यक्रम पारंपरिक स्नैक उत्पादन से जुड़ी महिला उद्यमियों को अपने उद्यमों को स्थायी और प्रभावी ढंग से बढ़ाने में सहायता करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान करेगा। करते हुए डब्ल्यूईपी की अवार्ड टू रिवार्ड पहल के अंतर्गत औपचारिक रूप से ‘फराल सखी’ का शुभारंभ किया।

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नीति आयोग द्वारा इसका 2018 में एक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के रूप में शुभारंभ किया गया और इसके पश्चात डब्ल्यूईपी 2022 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में परिवर्तित हो गया। डब्ल्यूईपी का उद्देश्य सूचना विषमता नियंत्रण करते हुए महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना और विभिन्न स्तंभों जैसे वित्त तक पहुंच; बाजार संपर्क; प्रशिक्षण और कौशल; सलाह और नेटवर्किंग; अनुपालन और कानूनी सहायता और व्यवसाय विकास सेवाओं में समर्थन की निरंतरता प्रदान करना है।

‘फराल सखी’ पहल का उद्देश्य महिलाओं को पारंपरिक त्यौहार स्नैक्स (‘फराल’) के उत्पादन और बिक्री में शामिल करके उनके लिए स्थायी रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। एमबीएमसी द्वारा स्थापित एक केंद्रीय रसोई, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को इन स्नैक्स को पेशेवर रूप से तैयार करने में सक्षम बनाती है।

एमबीएमसी इन महिलाओं को बिक्री स्थान प्रदान करके और नगरपालिका विज्ञापनों के माध्यम से उनके उत्पादों को बढ़ावा देकर आगे सहायता करती है। दिवाली के मौसम के दौरान, इस पहल ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की, उनकी बेहतर गुणवत्ता और स्वाद के कारण 3 टन से अधिक स्नैक्स की बिक्री की गई।

मीरा भयंदर की 25 महिलाओं को व्यवसाय संचालन में तकनीकी प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा। शिक्षा, प्रशासन और सार्वजनिक नीति केंद्र (सीईजीपी फाउंडेशन) द्वारा संचालित यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को स्थायी व्यवसाय स्थापित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करेगा।

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डब्ल्यूईपी सरकार, व्यवसाय, परोपकार और नागरिक समाज के सभी इकोसिस्टम के हितधारकों के लिए एक मंच प्रदान करता है ताकि वे सहयोग कर सकें, एकजुट हो सकें और अपनी पहलों को व्यापर स्तर पर, स्थायी और प्रभावी कार्यक्रमों की दिशा में संरेखित कर सकें, जिससे महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ा प्रभाव सक्षम हो सके।

2023 में, डब्ल्यूईपी ने अवार्ड टू रिवार्ड कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ साझेदारी को संस्थागत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया, जिसके तहत हितधारक महिला उद्यमियों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने और सफलताओं का सम्मान करने के लिए एक साथ आते हैं। डब्ल्यूईपी के तहत ‘अवार्ड टू रिवार्ड’ पहल हितधारकों को प्रभावशाली कार्यक्रम विकसित करने के लिए प्लग-एंड-प्ले फ्रेमवर्क प्रदान करती है।

यह सहयोग महिला उद्यमियों को घरेलू बाजारों में सफल होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने व्यवसायों को बढ़ाने में सक्षम बनाने पर केंद्रित है। डब्ल्यूईपी के साथ पहले से ही 30,000 से अधिक महिला उद्यमी जुड़ी हुई हैं, एमबीएमसी के साथ इस साझेदारी का उद्देश्य मीरा भयंदर में महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों के लिए एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है। डब्ल्यूईपी पार्टनर एप्रिसिएट इस एटीआर के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।

नीति आयोग की प्रमुख आर्थिक सलाहकार और डब्ल्यूईपी की मिशन निदेशक सुश्री अन्ना रॉय ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राप्त करने के लिए महिला उद्यमियों का समर्थन करना महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूईपी महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण, कौशल, संसाधनों तक पहुँच, सलाहकारों और नेटवर्क से लेकर व्यापक समर्थन प्रदान करता है।

डब्ल्यूईपी महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए तीन मार्गदर्शक सिद्धांतों पर काम करता है: इच्छा शक्ति (व्यवसाय शुरू करने और बढ़ाने के लिए प्रेरणा की शक्ति), ज्ञान शक्ति (सूचना विषमता को दूर करने के लिए ज्ञान की शक्ति) और कर्म शक्ति (सहायता और समर्थन के माध्यम से कार्रवाई की शक्ति)।

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‘फराल सखी’ पहल को अवार्ड टू रिवार्ड’ कार्यक्रम में एकीकृत करके, हम महिलाओं के नेतृत्व वाले घरेलू उद्योगों के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे उन्हें बड़े पैमाने के उद्यमों में बदलने में सक्षम बनाया जा सके। यह पहल न केवल व्यवसाय बनाने के बारे में है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करने के बारे में भी है।

मीरा भयंदर नगर निगम के नगर आयुक्त संजय काटकर ने कहा कि ‘फराल सखी’ पहल महिला उद्यमियों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डब्ल्यूईपी के साथ इस साझेदारी के माध्यम से, हम मीरा भयंदर की महिलाओं को स्थायी उद्योगों का नेतृत्व करने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए तैयार कर रहे हैं।

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