केंद्रीय बिजली, आवास व शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए भंडारण और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। श्री मनोहर लाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है। श्री लाल विद्युत मंत्रालय के लिए सांसदों की संसदीय सलाहकार समिति की मंगलवार (3 दिसंबर) को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक का विषय "राष्ट्रीय विद्युत योजना - उत्पादन" था।
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Written & Edited By Sanjay Kumar Srivastava
नई दिल्ली। केंद्रीय बिजली, आवास व शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए भंडारण और उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया। श्री लाल ने कहा कि लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है। श्री लाल विद्युत मंत्रालय के लिए सांसदों की संसदीय सलाहकार समिति की मंगलवार (3 दिसंबर) को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक का विषय “राष्ट्रीय विद्युत योजना – उत्पादन” था।
2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में बिजली महत्वपूर्ण घटक
बैठक के दौरान मनोहर लाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में बिजली महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ती मांग के साथ-साथ बिजली उत्पादन में वृद्धि करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गैर-जीवाश्म-आधारित ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया। विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि भारत एनडीसी के अनुसार ऊर्जा परिवर्तन कर रहा है।
ऊर्जा के क्षेत्र में लोगों को आगे बढ़ाने का काम कर रही सरकार
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में लोगों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 2031-32 तक चरम मांग और ऊर्जा की आवश्यकता लगभग 366 गीगावॉट और 2474 बिलिंग यूनिट है। वर्ष 2026-27 के लिए अखिल भारतीय आधार पर अनुमानित विद्युत ऊर्जा आवश्यकता और अधिकतम बिजली मांग क्रमशः 1908 बिलिंग यूनिट और 277 गीगावॉट अनुमानित है। लक्ष्यों को प्राप्त करने में ऊर्जा भंडारण क्षमता एक महत्वपूर्ण पहलू है। कुल क्षमता वृद्धि के अनुमान वर्ष 2029-30 तक 500 गीगावॉट की गैर-जीवाश्म आधारित स्थापित क्षमता हासिल करने के देश के लक्ष्य के अनुरूप है।
कहा कि 2022-2027 की अवधि के लिए कुल निधि की आवश्यकता 14,54,188 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें 2027-32 के दौरान चालू होने वाली परियोजनाओं के लिए अग्रिम कार्रवाई के लिए 2022-27 के दौरान संभावित व्यय भी शामिल है।गैर-जीवाश्म (सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत्, बायो गैस, हाइड्रोजन) आधारित क्षमता की हिस्सेदारी 2026-27 के अंत तक बढ़कर 57.4% हो जाने की संभावना है। 2031-32 के अंत तक अक्टूबर 2024 के लगभग 46.5% से बढ़कर 68.4% होने की संभावना है।
बैठक में संसद सदस्यों ने विभिन्न पहलों और योजनाओं के संबंध में कई सुझाव दिए। उन्होंने महत्वाकांक्षी हरित ऊर्जा लक्ष्यों और बिजली उत्पादन क्षमता में उपलब्धियों के लिए योजना की सराहना की। बैठक में भंडारण, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और किसानों के मुआवजे से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को संसद सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।