वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। सिब्बल ने कहा कि देश में न्यायिक संस्थानों का राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है और यह सब नफरत की राजनीति के तहत किया जा रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब समय आ गया है जब जनता को सच के साथ खड़ा होना होगा।
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नई दिल्ली – देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है, जब वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताजा चार्जशीट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “ये चार्जशीट नहीं, बल्कि राजनीतिक बदले की एक स्क्रिप्ट है।”
सिब्बल ने यह बयान उस वक्त दिया जब ED ने एक विपक्षी नेता के खिलाफ एक और चार्जशीट दायर की है, जिसे लेकर विपक्षी दलों में रोष व्याप्त है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने कहा, “देश में राजनीतिक असहमति को दबाने के लिए अब ED, CBI और IT विभाग जैसे संस्थानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह नफरत की राजनीति है, जो भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को चोट पहुंचा रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “जिस नेता के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, उसके पास कोई सबूत नहीं हैं। सबकुछ मनगढ़ंत है, ताकि चुनावों से पहले माहौल को ध्रुवीकृत किया जा सके।”
सिब्बल ने साफ तौर पर कहा कि आज देश में जांच एजेंसियां सरकार की कठपुतली बन गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ED की कार्रवाई अब निष्पक्ष नहीं रही। “यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है,” उन्होंने जोड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से विपक्षी नेताओं को टारगेट किया जा रहा है, उससे जनता का भरोसा संस्थानों से उठता जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ED की कार्रवाइयाँ पिछले कुछ समय से चुनाव से पहले तेज होती नजर आई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए इन संस्थानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कपिल सिब्बल ने इसे लेकर कहा, “2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, और सरकार जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटाकर विपक्ष को बदनाम करने की राजनीति में लगी है।”
कपिल सिब्बल ने अन्य विपक्षी दलों से भी अपील की कि अब समय आ गया है जब सबको एकजुट होकर संवैधानिक संस्थाओं को बचाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा, “अगर आज हम चुप रहे, तो कल ये सिस्टम सबको निगल जाएगा।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि विपक्षी दलों ने अब भी एकजुटता नहीं दिखाई, तो लोकतंत्र को बचाना मुश्किल हो जाएगा।
कपिल सिब्बल ने देश की जनता से भी अपील की कि वे नफरत और डर की राजनीति को पहचानें। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा भारत नहीं चाहते जहां असहमति को देशद्रोह समझा जाए, जहां सवाल पूछना गुनाह हो।”
“अब समय है सच के साथ खड़े होने का, नहीं तो आने वाली पीढ़ियों को जवाब नहीं दे पाएंगे।”
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर #KapilSibal, #EDChargesheet, #PoliticsOfHate, और #DemocracyInDanger जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूज़र्स सिब्बल के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक नौटंकी भी कह रहे हैं।