Rahul Gandhi द्वारा चुनाव आयोग (Election Commission) पर दिए गए बयान को Aaditya Thackeray ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता को बनाए रखना बेहद जरूरी है। Thackeray का यह बयान विपक्षी एकता की दिशा में एक और संकेत माना जा रहा है।
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मुंबई/नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा चुनाव आयोग (EC) की निष्पक्षता पर सवाल उठाने वाले बयान को Shiv Sena (UBT) नेता Aaditya Thackeray ने अपना समर्थन दिया है। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को साहसी और लोकतंत्र के हित में बताया। Aaditya Thackeray ने कहा कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए।
हाल ही में अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि भारत में संस्थाएं निष्पक्ष नहीं रह गई हैं, और भाजपा सरकार उनका दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने EC को लेकर यह भी कहा कि अब वह “स्वतंत्र रूप से काम करने में असमर्थ” है, जो एक लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।
Rahul Gandhi के इस बयान का समर्थन करते हुए Aaditya Thackeray ने कहा:
“यह कोई व्यक्तिगत हमला नहीं है बल्कि लोकतंत्र को बचाने की एक आवाज है। यदि संस्थाएं स्वतंत्र नहीं रहेंगी तो देश में जनता की आवाज दबाई जाएगी।”
Thackeray ने कहा कि अब समय आ गया है जब सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आकर लोकतंत्र के मूल स्तंभों की रक्षा करनी चाहिए।
Aaditya Thackeray का यह बयान ऐसे समय में आया है जब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तेज हो चुकी हैं और विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एक ‘महागठबंधन’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
Rahul Gandhi और Thackeray दोनों के बयान इस बात को संकेत देते हैं कि विपक्ष अब संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
बीते कुछ वर्षों में चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर कई बार सवाल उठाए गए हैं। चाहे वह चुनाव की तारीखों की घोषणा हो, या आचार संहिता के पालन की निगरानी— विपक्षी दलों का आरोप है कि EC भाजपा के पक्ष में काम करता है।
Rahul Gandhi का बयान इसी भावना को दर्शाता है, जिसे Aaditya Thackeray जैसे युवा नेताओं का समर्थन मिलना राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।
भाजपा ने राहुल गांधी और Aaditya Thackeray दोनों के बयानों को “देश विरोधी मानसिकता” का परिचायक बताया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और ऐसे बयान जनता को भ्रमित करने के लिए दिए जा रहे हैं।
Rahul Gandhi और Aaditya Thackeray के बयानों ने एक बार फिर लोकतंत्र बनाम तानाशाही की बहस को हवा दे दी है। विपक्षी दल लगातार यह कह रहे हैं कि केंद्र सरकार की नीतियों ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया है।
Aaditya Thackeray का बयान यह भी दर्शाता है कि युवा नेता अब राजनीति में सक्रिय हस्तक्षेप कर रहे हैं। देश के भविष्य को लेकर उनके विचार और साहसी बयान इस ओर इशारा करते हैं कि युवा नेतृत्व भी लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग है।
Rahul Gandhi के चुनाव आयोग पर दिए गए बयान को Aaditya Thackeray का समर्थन एक बड़े राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। यह न केवल विपक्षी दलों की एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि आगामी चुनावों में लोकतंत्र और संस्थागत स्वतंत्रता जैसे मुद्दे केंद्र में होंगे।