राहुल गांधी द्वारा भारत के निर्वाचन आयोग (EC) पर दिए गए बयान के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनके बयान को देश की संवैधानिक संस्थाओं का अपमान बताते हुए उन्हें इस्तीफा देने की सलाह दी। इस विवाद ने एक बार फिर से सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप को तेज कर दिया है।
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नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनाव आयोग (Election Commission) पर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद देश की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। जहां कांग्रेस उनके समर्थन में खड़ी नजर आई, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उनके बयान को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए तीखी आलोचना की। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि “राहुल गांधी को देश की संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने पर इस्तीफा दे देना चाहिए।“
राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे के दौरान एक सार्वजनिक मंच से भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और संवैधानिक संस्थाएं दबाव में काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों में गड़बड़ी की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,
“राहुल गांधी बार-बार देश के बाहर जाकर भारत की संस्थाओं को नीचा दिखाने का काम करते हैं। इससे पहले भी वे सेना, सुप्रीम कोर्ट और अब चुनाव आयोग पर सवाल उठा चुके हैं। यह शर्मनाक है और उन्हें खुद को राजनीतिक रूप से अयोग्य मानकर इस्तीफा दे देना चाहिए।”
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब सत्ता उनके हाथ में नहीं होती, तो उन्हें हर संस्था पर शक होने लगता है।
कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के बचाव में उतरी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने केवल अपनी राय रखी और किसी भी संस्था का अपमान नहीं किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है ताकि मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।
भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी राहुल गांधी पर भारत की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से ट्रेंड करने लगा। ट्विटर पर #RahulInsultsIndia और #GirirajSingh जैसे हैशटैग टॉप पर पहुंच गए।
लोगों ने राहुल गांधी के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ यूज़र्स ने राहुल से देश की राजनीति से सन्यास लेने की सलाह दी, जबकि कुछ ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन किया।
पिछले कुछ वर्षों में देश की संवैधानिक संस्थाओं जैसे कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग, सीबीआई आदि पर सवाल उठाना विपक्ष का नया ट्रेंड बनता जा रहा है। सरकार का कहना है कि इससे इन संस्थाओं की साख को नुकसान पहुंचता है, जबकि विपक्ष का तर्क है कि लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि
“कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि जब वो सत्ता में थीं तब इन्हीं संस्थाओं ने कई बार निष्पक्षता दिखाई थी। अब वही संस्थाएं उन्हें पक्षपाती लगने लगी हैं।”
भारत का चुनाव आयोग विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्थाओं में से एक है। कई चुनाव पर्यवेक्षकों ने इसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता की सराहना की है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यदि यह मामला आगे बढ़ता है तो आयोग भी अपना पक्ष रखेगा।
राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर दिए गए बयान ने एक बार फिर विपक्ष और सरकार के बीच की खाई को उजागर कर दिया है। गिरिराज सिंह का तीखा पलटवार यह बताता है कि भाजपा इसे केवल एक बयान नहीं, बल्कि देश की गरिमा पर आघात के रूप में देख रही है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और कितना राजनीतिक मोड़ लेता है।