उत्तराखंड में निकाय चुनाव की वजह से भाजपा के संगठनात्मक चुनाव पीछे खिसक गए हैं,जिसको लेकर भाजपा हाईकमान ने भी मंजूरी दे दी है,लेकिन कांग्रेस भाजपा पर इस बहाने तंज कसती हुई नजर आ रही है।उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारी के बीच भाजपा ने अपने संगठनात्मक चुनाव को पीछे कर दिया है, पहले दिसंबर तक बीजेपी के चुनाव संगठनात्मक पूरे होने के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष का भी चयन दिसम्बर महीने में सम्भव माना जा रहा था,लेकिन अब माना जा रहा है कि निकाय चुनाव सम्पन्न होने के बाद भाजपा के संगठनात्मक चुनाव सम्पन्न होंगे ।
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देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव की वजह से भाजपा के संगठनात्मक चुनाव पीछे खिसक गए हैं,जिसको लेकर भाजपा हाईकमान ने भी मंजूरी दे दी है,लेकिन कांग्रेस भाजपा पर इस बहाने तंज कसती हुई नजर आ रही है।उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारी के बीच भाजपा ने अपने संगठनात्मक चुनाव को पीछे कर दिया है, पहले दिसंबर तक बीजेपी के चुनाव संगठनात्मक पूरे होने के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष का भी चयन दिसम्बर महीने में सम्भव माना जा रहा था,लेकिन अब माना जा रहा है कि निकाय चुनाव सम्पन्न होने के बाद भाजपा के संगठनात्मक चुनाव सम्पन्न होंगे ।
भाजपा प्रदेश नेतृत्व के द्वारा पार्टी हाई कमान से मांग की गई थी … जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। बीजेपी के इस निर्णय पर कांग्रेस भी व्यंग कस रही है… आरोप लगाते हुए नजर आ रही है. भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है कि निकाय चुनाव होने की वजह से प्रदेश भाजपा संगठन के द्वारा हाई कमान से आग्रह किया गया था जिसे हाई कमान ने भी मंजूर कर दिया है। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव और संघठनात्मक चुनाव एक साथ होने की वजह से भाजपा को उन कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ती जो निकाय चुनाव में टिकट या संगठन में खुद को एडजस्ट होना चाहते है और उन्हें दोनों जगह में से न तो टिकट मिलता और न ही संगठन में जगह मिलती।
लेकिन कांग्रेस का कहना है कि वैसे बीजेपी कहती है कि उनका सबसे बड़ा संगठन है और वह दो चुनाव एक साथ संपन्न नहीं करवा पा रहे हैं तो समझा जा सकता है कि बीजेपी अंदर से कितनी कमजोर है,जो हर चुनाव को हार की वजह से प्रदेश में टालने के काम कर रही है। गरिमा दसोनी, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस ने कहा कि कुल मिलाकर देखी तो बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव पीछे खिसकने से पार्टी को नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए जहां और इंतजार करना पड़ेगा तो वही देखना ही होगा कि क्या निकाय चुनाव बीजेपी के संगठन में चुनाव पीछे होने की वजह से जल्दी हो पाएंगे। क्योंकि प्रदेश में सरकार भाजपा की है।