महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस हादसे के बाद आखिरकार जिला प्रशासन की नींद टूट गई। शुक्रवार को बैठक के बाद प्रशासनिक अधिकारी सड़कों पर उतरे और स्कूल बसों को रुकवाकर उनकी पड़ताल की। हालांकि निजी स्कूल संचालक अभी उस हादसे के सबक लेने को तैयार नहीं हैं।
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कुरुक्षेत्र। महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस हादसे के बाद आखिरकार जिला प्रशासन की नींद टूट गई। शुक्रवार को बैठक के बाद प्रशासनिक अधिकारी सड़कों पर उतरे और स्कूल बसों को रुकवाकर उनकी पड़ताल की। हालांकि निजी स्कूल संचालक अभी उस हादसे के सबक लेने को तैयार नहीं हैं।
स्कूल बस चालक-परिचालक जहां बगैर वर्दी के ड्यूटी पर थे, वहीं कई स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया गया था। कई बसों में परिचालक मौजूद नहीं थे, जबकि कई में स्कूली छात्र दरवाजे पर परिचालक का काम करते दिखे। पिहोवा में छह स्कूल बस अक्षरा इंटरनेशनल स्कूल, गुरु नानक देव अकादमी, सीडी पब्लिक स्कूल, बाबा श्रवण नाथ स्कूल, टैगौर पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल और सेंट थोमस कॉन्वेंट स्कूल की बसों को जांचा गया।
इसमें एक स्कूल की बस में बच्चे क्षमता से अधिक थे। साथ ही चालक और परिचालक बगैर वर्दी के थे। एक अन्य स्कूल की बस में परिचालक मौजूद नहीं था। इसके अलावा अन्य स्कूल बसों में भी यही स्थिति देखने को मिली।
उधर, बीईओ के प्रतिनिधि राजकीय माध्यमिक स्कूल ककराला गुजरान के मुख्य अध्यापक परमजीत ने बताया कि पिहोवा में कई स्कूल बसों की जांच की गई है, जिनमें कई तरह की खामियां मिली हैं। इन स्कूल संचालकों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।