अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक शिक्षक सिस्टर बीके शिवानी के नेतृत्व में 'आत्म-परिवर्तन और आंतरिक-जागृति' पर परिवर्तनकारी कार्यशाला भारतीय नौसेना द्वारा सात जनवरी को डॉ. डीएस कोठारी ऑडिटोरियम डीआरडीओ भवन नई दिल्ली में आयोजित की गई। नौसेनाकर्मियों के मानसिक और भावनात्मक संबंध मजबूत करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक शिक्षक सिस्टर बीके शिवानी के नेतृत्व में ‘आत्म-परिवर्तन और आंतरिक-जागृति’ पर परिवर्तनकारी कार्यशाला भारतीय नौसेना द्वारा सात जनवरी को डॉ. डीएस कोठारी ऑडिटोरियम डीआरडीओ भवन नई दिल्ली में आयोजित की गई। नौसेनाकर्मियों के मानसिक और भावनात्मक संबंध मजबूत करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मैटेरियल प्रमुख वीएडीएम किरण देशमुख मुख्य अतिथि थे।कार्यशाला की शुरुआत सिस्टर बीके शिवानी के दो घंटे के सत्र के बाद स्वागत भाषण के साथ हुई। कार्यशाला का उद्देश्य विशेष रूप से उच्च दबाव वाली भूमिकाओं में सेवारत नौसेनाकर्मियों के बीच भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना था।बहन बीके शिवानी ने मन की कार्यप्रणाली और आंतरिक सद्भाव के महत्व पर प्रकाश डाला। उनका गहन और संवादात्मक सत्र मानसिक तनाव के मूल कारणों को समझने और आत्म-जागरूकता, ध्यान और सकारात्मक सोच के माध्यम से इसे दूर करने की रणनीतियों पर केंद्रित था।
शांतिपूर्ण, सकारात्मक और सशक्त विचारों के जरिए जी सकते हैं एक खुशहाल व स्वस्थ जीवन
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे विचारों से शुरू होता है। शांतिपूर्ण, सकारात्मक और सशक्त विचारों को चुनकर हम अपने अनुभवों को बदल सकते हैं और एक खुशहाल व स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। अपने समापन भाषण में मैटेरियल प्रमुख ने पेशेवर और व्यक्तिगत पूर्ति सुनिश्चित करने में मानसिक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर देते हुए इस पहल की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि शांतिपूर्ण और एकजुट कार्य वातावरण के लिए नौसेना कर्मियों की मानसिक भलाई मौलिक है।
मैटेरियल प्रमुख ने मानसिक स्वास्थ्य वकालत के प्रति सिस्टर बीके शिवानी के समर्पण की सराहना की। उन्होंने लोगों को कार्यशाला की शिक्षाओं को अपने दैनिक जीवन में एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया।यह कार्यशाला भारतीय नौसेना द्वारा शुरू किए गए 60-दिवसीय लचीलेपन कार्यक्रम का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों के बीच मानसिक स्वास्थ्य और आंतरिक सद्भाव को बढ़ाना था।
यह कार्यशाला जीवन के सभी पहलुओं में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता की एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है, जो प्रतिभागियों को सचेतनता और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। कार्यशाला में नौसेना अधिकारियों, नाविकों और रक्षा नागरिकों ने भाग लिया। कार्यशाला की सफलता ने समग्र कल्याण और परिचालन उत्कृष्टता पर नौसेना के फोकस को मजबूत किया।