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भारत में मधुमेह: अनुवांशिक शोध ने दिए चौंकाने वाले नतीजे :

भारत में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं मधुमेह का खतरा केवल आहार और व्यायाम से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि

By HO BUREAU 

Updated Date

India: भारत में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और हाल ही में किए गए एक अनुवांशिक शोध ने कई अनदेखे पहलुओं पर रोशनी डाली है। यह शोध उन लोगों पर केंद्रित था, जिनकी जीवनशैली तनावपूर्ण और शारीरिक रूप से निष्क्रिय है, जैसे कॉर्पोरेट पेशेवर। इस अध्ययन ने दिखाया कि मधुमेह का खतरा केवल आहार और व्यायाम से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि अनुवांशिक प्रवृत्तियों से भी गहरा जुड़ाव है।

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Diabetes genetic research in India gives surprising results

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50% लोगों को पता ही नहीं कि उन्हें मधुमेह है!

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया, उनमें से लगभग 50% लोग या तो प्री-डायबेटिक (मधुमेह की शुरुआत) थे या डायबेटिक थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इन लोगों को अपनी स्थिति के बारे में पता ही नहीं था।
अध्ययन के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. शर्मा ने कहा, हमने पाया कि आधे प्रतिभागी पहले से मधुमेह की स्थिति में थे, लेकिन उन्हें इसका कोई अंदाजा नहीं था। यह स्वास्थ्य के लिए बड़ी चेतावनी है।”

मधुमेह के पीछे कौन-कौन से कारण?

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शोध में तीन प्रमुख कारण सामने आए:

  1. काम का तनाव: लंबे समय तक काम करना और ऑफिस के डेडलाइन्स।
  2. अस्वस्थ खानपान: बाहर का जंक फूड और असंतुलित डाइट।
  3. शारीरिक निष्क्रियता: रोज़ाना घंटों तक बैठे रहना और व्यायाम न करना।

अनुवांशिक कारकों की बड़ी भूमिका

इस शोध में यह भी बताया गया कि हर व्यक्ति के अनुवांशिक गुण (Genes) भी मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं। मतलब अगर किसी के परिवार में मधुमेह रहा है, तो उसे और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

समाधान क्या है?

डॉक्टरों का मानना है कि अगर हर व्यक्ति की अनुवांशिक प्रवृत्तियों और जीवनशैली को ध्यान में रखकर उसका इलाज किया जाए, तो मधुमेह के मामलों को बहुत हद तक रोका जा सकता है।
उदाहरण के लिए:

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  • अगर किसी की अनुवांशिक प्रवृत्ति मधुमेह की ओर है, तो उसे पहले से खानपान और एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए।
  • हेल्थ चेकअप नियमित रूप से कराना जरूरी है, ताकि बीमारी का जल्द पता चल सके।

आंकड़े क्या कहते हैं?

  • भारत में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं।
  • हर साल मधुमेह के 10 लाख नए मामले दर्ज किए जाते हैं।
  • शोध के मुताबिक, 2030 तक यह संख्या 10 करोड़ तक पहुंच सकती है।

क्या करें ताकि मधुमेह से बचा जा सके?

  1. रोज़ाना 30 मिनट का व्यायाम करें।
  2. चीनी और जंक फूड से बचें।
  3. तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
  4. हर साल ब्लड शुगर की जांच करवाएं।
What diabetes statistics in India say

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निष्कर्ष

यह शोध हमें सिखाता है कि मधुमेह केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक “मूक महामारी” (Silent Epidemic) है। अगर हमने अभी से कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
इसलिए, व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल अपनाएं, नियमित चेकअप कराएं और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर मधुमेह से बचें।

 

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