CRPF से बर्खास्त किए गए जवान मुनीर अहमद ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि उसने एक पाकिस्तानी महिला से वीडियो कॉल पर शादी की थी। यह मामला खुफिया एजेंसियों के संज्ञान में आने के बाद तूल पकड़ गया है। मुनीर का दावा है कि यह शादी निजी मामला थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अब इस पूरे घटनाक्रम की गंभीरता से जांच कर रही हैं।
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कश्मीर के रहने वाले मुनीर अहमद, जो कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में जवान के रूप में तैनात थे, को हाल ही में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वजह बनी उनकी वीडियो कॉल पर की गई शादी एक पाकिस्तानी महिला से। इस मामले ने सुरक्षाबलों और खुफिया एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है, क्योंकि सीमा पार के रिश्तों को लेकर हमेशा से ही सख्त सतर्कता बरती जाती रही है।
मुनीर अहमद ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि यह शादी पूरी तरह से निजी मामला थी और उसका किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन CRPF और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे संभावित सुरक्षा खतरे के तौर पर देखा और तुरंत कार्रवाई करते हुए मुनीर को सेवा से निलंबित और फिर बर्खास्त कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि मुनीर और संबंधित महिला की मुलाकात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हुई थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच संपर्क बढ़ा और बाद में उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से निकाह कर लिया। शादी की सूचना जब अधिकारियों तक पहुंची, तब इसकी जांच शुरू हुई और इसके आधार पर CRPF ने कार्रवाई की।
पाकिस्तान से जुड़े किसी भी तरह के संबंध को लेकर भारत की सुरक्षा एजेंसियां बेहद संवेदनशील रहती हैं, खासकर जब वह किसी सुरक्षा बल के सदस्य से जुड़ा हो। इस मामले में भी एजेंसियों को संदेह है कि शादी के नाम पर जासूसी या डाटा लीक जैसी गतिविधियां हो सकती थीं, जिसकी जांच अब गहनता से की जा रही है।
अपने बचाव में मुनीर ने कहा कि “मैंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। यह मेरी निजी जिंदगी से जुड़ा मामला है और मेरी पत्नी के पाकिस्तान में होने का मतलब यह नहीं कि मैं देश के खिलाफ हूं।” हालांकि, सुरक्षा प्रोटोकॉल और CRPF की आचार संहिता के तहत जवानों को विदेशी नागरिकों से संपर्क रखने या विवाह करने से पहले अनुमति लेनी होती है, जिसे मुनीर ने नजरअंदाज किया।
इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। कुछ लोगों ने जहां इसे “ओवर रिएक्शन” करार दिया, वहीं कई यूज़र्स ने CRPF के निर्णय को सही और सुरक्षा हित में आवश्यक बताया। यह घटना उन तमाम सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाबलों के लिए एक सतर्कता का संदेश है, जो डिजिटल दुनिया में अंतरराष्ट्रीय संपर्क बनाते हैं।