पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जुबानी हमला बोलते हुए उन्हें “सबसे बड़ा भोगी” करार दिया। हाल ही में बंगाल में हुए वक्फ बोर्ड से जुड़े हिंसक विरोध प्रदर्शन पर योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी के बाद ममता ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे राजनीतिक नौटंकी और सस्ती लोकप्रियता की चाल बताया।
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कोलकाता/लखनऊ:
देश की राजनीति में एक बार फिर बंगाल और उत्तर प्रदेश के दो कद्दावर मुख्यमंत्रियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बंगाल में वक्फ बोर्ड से जुड़े विरोधों और हिंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “लातों के भूत बातों से नहीं मानते”, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए योगी को “सबसे बड़ा भोगी” कह डाला।
कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “जो खुद कुर्सी का भोग कर रहे हैं, वो हमें नैतिकता सिखा रहे हैं? योगी आदित्यनाथ खुद ‘सबसे बड़े भोगी’ हैं, जो हिंदुत्व के नाम पर नफरत फैला रहे हैं और देश को बांट रहे हैं।”
उन्होंने योगी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी में महिलाओं की सुरक्षा, दलित अत्याचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार फेल हो चुकी है, फिर भी मुख्यमंत्री दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने बंगाल में वक्फ बोर्ड के खिलाफ हुए प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, “लातों के भूत बातों से नहीं मानते।” इस बयान को लेकर बंगाल की राजनीति गरमा गई है। ममता ने इस टिप्पणी को “गुंडा राजनीति” करार दिया और कहा कि यह बयान संघ और बीजेपी की मानसिकता को दर्शाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ये बयानबाज़ी 2024 लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में हो रही है, जहां भाजपा बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, जबकि ममता बनर्जी खुद को राष्ट्रीय स्तर पर एक विकल्प के रूप में पेश कर रही हैं।
ममता ने यह भी कहा, “देश को भोगी नहीं, त्यागी नेता चाहिए। जो सिर्फ मंदिर, मस्जिद और जाति की बात न करे, बल्कि बेरोजगारी, महंगाई और विकास की बात करे।”
ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्य एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने और बदनाम करने का काम कर रहे हैं। “सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स को जैसे इनके घर की मशीन बना दिया गया है,” उन्होंने कहा।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “अगर आप मुझसे डरते नहीं तो मेरे कामों को देखकर मेरी आलोचना करो, मेरे राज्य के लोगों को हिंसा और साम्प्रदायिकता में मत झोंको।”
वहीं, भाजपा ने ममता बनर्जी के बयान को “निचले स्तर की राजनीति” बताया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि ममता बनर्जी के शासन में बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है, और अब वह योगी जी जैसे ईमानदार नेता पर टिप्पणी करके जनता का ध्यान भटकाना चाहती हैं।
यह बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया है। ट्विटर पर #BhogiYogi और #MamataVsYogi जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इसे गंभीर राजनीतिक मुद्दे से भटकाने वाली बयानबाज़ी करार दिया, जबकि कई लोग ममता के समर्थन में भी नजर आए।
राजनीतिक माहौल इस वक़्त काफी गर्म है। बंगाल और उत्तर प्रदेश दोनों ही राज्यों की जनता इन बयानों को गंभीरता से देख रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन बयानों का असर आने वाले चुनावों और विपक्षी गठजोड़ों पर कैसे पड़ता है।