यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सदन में कहा कि संभल में हिंसा वर्चस्व की लड़ाई है। जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ बातें की गई थीं। 2017 के बाद यूपी में दंगे कम हुए। कहाकि सर्वे का काम शांतिपूर्ण होना था, लेकिन संभल के पत्थरबाज कौन थे ? हम हाईकोर्ट के फैसले का पालन करते हैं। कहा कि संभल के पत्थरबाज नहीं बचेंगे। उन्होंने उस मंदिर को खोलने की जरूरत नहीं समझी।
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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सदन में कहा कि संभल में हिंसा वर्चस्व की लड़ाई है। जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ बातें की गई थीं। 2017 के बाद यूपी में दंगे कम हुए। कहाकि सर्वे का काम शांतिपूर्ण होना था, लेकिन संभल के पत्थरबाज कौन थे ? हम हाईकोर्ट के फैसले का पालन करते हैं। कहा कि संभल के पत्थरबाज नहीं बचेंगे। उन्होंने उस मंदिर को खोलने की जरूरत नहीं समझी।
दंगों का इतिहास बताते हुए कहा कि संभल में 1986 में 4 लोग मारे गए थे। जिसने माहौल खराब किया वो बचेगा नहीं। संभल दंगे का इतिहास 1947 से ही है। संभल में 1976 में 5 की मौत हुई थी। संभल में दंगे का इतिहास पुराना है।‘सीसामऊ में भी ये बाल बाल बच गए। कुंदरकी में लोगों को जड़ें याद आने लगी हैं। योगी ने कहा कि अगली बार करहल में भी सफाचट होगा। योगी ने कहा कि मूल संविधान में समाजवाद शब्द नहीं है।
मूल संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द भी नहीं है। कोर्ट के फैसले का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि खटाखट का सच सामने आते ही सफाचट हो गए। गला घोंटेने वाले लोग बदलाव की बात करते हैं। योगी ने जोर देकर कहा कि झंडा लगाने में क्या समस्या है।
केसरियां झंडा क्यों नहीं लगा सकते ? बाबरनामा कहता है मंदिर तोड़े गए। जय श्रीराम कहां से सांम्प्रदायिक संबोधन है। कहा कि मस्जिद के सामने से शोभायात्रा क्यों नहीं। सीएम योगी ने सदन में फिर बयान दिया कि न हम बंटेगें न ही कटेंगे। सरकार की दंगों और दंगाइयों पर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। कोई दोषी नहीं बचेगा।