उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम आवास पर तकनीकी शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में राज्य में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर व्यापक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए शिक्षा प्रणाली में तत्काल सुधार किए जाएं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने आवास पर तकनीकी शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए। बैठक में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता, इंडस्ट्री-लिंक्ड कोर्सेस, डिजिटल क्लासरूम, और संस्थानिक संरचना के सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की तकनीकी शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिए व्यापक सुधार जरूरी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं, बल्कि छात्रों को रोज़गार के लिए तैयार करना होना चाहिए।” उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि सभी पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में इंडस्ट्री पार्टनरशिप की शुरुआत की जाए, जिससे छात्रों को लाइव प्रोजेक्ट्स और ट्रेनिंग का अवसर मिले।
बैठक में योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि तकनीकी शिक्षा को पूरी तरह डिजिटल किया जाए। सभी संस्थानों को स्मार्ट क्लासरूम, हाई-स्पीड इंटरनेट और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स से जोड़ा जाए। साथ ही, उन्होंने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे आधुनिक विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि, “आज का युवा वैश्विक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा है। हमें ऐसी शिक्षा देनी होगी जो उसे केवल स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्षम बनाए।” इसके लिए उन्होंने निजी कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू पर काम करने का सुझाव भी दिया।
सीएम योगी ने बैठक में शिक्षकों की नियमित ट्रेनिंग, स्किल अपग्रेडेशन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि हर संस्थान में शिक्षकों के मूल्यांकन और प्रदर्शन आधारित प्रोन्नति की व्यवस्था की जाए। साथ ही संस्थानों को एनएएसी और एनबीए जैसी मान्यता एजेंसियों से सर्टिफिकेशन लेने के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि तकनीकी संस्थानों से पढ़कर निकलने वाला हर छात्र रोजगार या स्वरोजगार के लिए पूरी तरह सक्षम हो। इसके लिए विभाग को छात्रों के लिए इंटर्नशिप, प्लेसमेंट सेल, स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर, और कैम्पस ड्राइव्स आयोजित करने के निर्देश दिए गए।
सरकार ने यह भी तय किया है कि तकनीकी शिक्षा में एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के अनुरूप बदलाव किए जाएंगे ताकि छात्रों को मल्टीपल एंट्री-एग्जिट ऑप्शन मिले और वे अपनी रुचि के अनुसार कोर्स में बदलाव कर सकें।