BSF जवान पूर्णम शॉ को पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा भारत को सौंपे जाने पर कांग्रेस नेता अजय राय ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह भारत की कूटनीतिक शक्ति और जवानों की बहादुरी का प्रमाण है। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच एक नई चर्चा की संभावना भी खोली है।
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अजय राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “यह घटना सिर्फ एक जवान की वापसी नहीं है, यह भारत की संप्रभुता और रणनीतिक समझ का प्रतीक है। हमारे जवान हर हाल में देश की रक्षा कर रहे हैं और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर एक सैनिक के पीछे मजबूती से खड़ी हो।”
घटना की बात करें तो, BSF जवान पूर्णम शॉ गलती से नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में चले गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। इस पर भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान से संपर्क साधा और उच्च स्तर की वार्ता के बाद जवान को सुरक्षित भारत वापस लाया गया।
नए वीडियो फुटेज और खबरों के अनुसार, जवान को वाघा बॉर्डर पर पाक रेंजर्स ने BSF के अधिकारियों को सौंपा। इस दौरान सुरक्षा बलों के बीच औपचारिकताएं निभाई गईं और जवान को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सुरक्षित उनके यूनिट में वापस भेजा गया।
अजय राय ने इस घटनाक्रम पर केंद्र सरकार को सलाह भी दी कि ऐसे मामलों में त्वरित कूटनीतिक संवाद और प्रभावशाली रणनीति अपनाई जाए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें। उन्होंने कहा, “जवानों की सुरक्षा केवल सीमा पर नहीं, हर मोर्चे पर ज़रूरी है — चाहे वो हथियार की लड़ाई हो या कूटनीति की।”
इसके साथ ही, अजय राय ने जवान पूर्णम शॉ की बहादुरी और संयम की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि जिस तरह उन्होंने विपरीत परिस्थिति में खुद को संभाला और सुरक्षित लौटे, वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच एक सकारात्मक संकेत भी हो सकता है, बशर्ते दोनों देश इस मानवीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएं। इससे पहले इस तरह की घटनाएं तनाव का कारण बनती थीं, लेकिन इस बार स्थिति को कूटनीतिक और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया गया।
देशभर में जवान की वापसी को लेकर खुशी की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना कर रहे हैं। कई जगहों पर जवान की सुरक्षित वापसी पर दीये जलाकर उसका स्वागत किया गया।
घटना ने फिर से यह साबित कर दिया कि सीमा पर तैनात जवान हर पल देश के लिए बलिदान देने को तैयार रहते हैं, और हमें उनके साहस, धैर्य और समर्पण को सम्मान देना चाहिए।
अंत में, अजय राय ने यह भी कहा कि “भारत की नीतियां अब सख्त, स्पष्ट और राष्ट्रहित में हैं। कोई भी हमारे जवानों को नुकसान पहुंचाने का साहस नहीं कर सकता। पूर्णम शॉ की वापसी इसका प्रमाण है।”